विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी ने फिर मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय आदिवासी कांग्रेस और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर सिंगरौली में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस ने इस मौके पर आदिवासी समुदाय के सम्मान, गौरव और संवैधानिक अधिकारों को लेकर कई अहम मुद्दे उठाए।
कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में सौंपा गया ज्ञापन
कार्यक्रम का आयोजन आदिवासी कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में किया गया। इस मौके पर प्रदेश महासचिव तिलकराज सिंह और वी. उड़के भी मौजूद रहे। ज्ञापन में स्पष्ट मांग की गई कि 9 अगस्त को पुनः सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए, जिसे 2021 में शिवराज सरकार द्वारा हटाकर वैकल्पिक अवकाश में परिवर्तित कर दिया गया था।
आदिवासी गौरव और अधिकारों की मांग
ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेस ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस न सिर्फ एक प्रतीकात्मक दिवस है, बल्कि यह आदिवासी समुदाय की पहचान, अधिकारों और सम्मान का दिन है। पार्टी ने यह भी कहा कि यदि इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया, तो यह आदिवासी समाज के साथ अन्याय होगा।

कांग्रेस नेताओं ने यह भी बताया कि पार्टी की योजना है कि अगस्त महीने में आदिवासी कांग्रेस द्वारा प्रशिक्षण शिविर, लंबित वन अधिकार अधिनियम और सामुदायिक वन पट्टों जैसे मुद्दों पर भी जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
2019 से चल रही है मांग, अब तक नहीं मिली मंजूरी
मध्यप्रदेश में 2019 में कांग्रेस सरकार ने पहली बार विश्व आदिवासी दिवस को स्थानीय अवकाश घोषित किया था। लेकिन 2021 में भाजपा सरकार ने इसे हटाकर वैकल्पिक अवकाश बना दिया। इसके बाद से लगातार कांग्रेस और आदिवासी समाज इसे पुनः सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
साल 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस विषय में ध्यान देने की मांग की थी। कांग्रेस का कहना है कि चार वर्षों से लगातार इस मुद्दे पर पार्टी अडिग है और आदिवासी समाज के साथ मिलकर इसे लेकर आंदोलन करती रहेगी।
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ज्ञापन सौंपने के दौरान सुष्मिता सिंह, जगत बहादुर सिंह, रमेश पनिका, ललन सिंह, रूप शाह बैगा, मनीष कुमार बियार, इंद्रभान सिंह, चंद्र प्रताप सिंह, लोलर सिंह, राजकुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार सिंह मरकाम, दयाराम पनिका और तेज नारायण वैश्य सहित कई नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।