SHIMLA: कारगिल विजय दिवस पर सेना की ओर शिमला में से लगाई गई प्रदर्शनी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस प्रदर्शनी में कारगिल युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए गए हथियारों और युद्ध के दौरान की तस्वीरों को प्रदर्शित किया गया है।
इस बार का कारगिल दिवस इसलिए भी खास बना हुआ है क्योंकि इस साल उस जीत को पूरे 25 साल पूरे हो जाएंगे, इसी रजत जयंती महोत्सव को और खास बनाने के लिए शिमला में हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई है। यह प्रदर्शनी उन वीर सपूतों को समर्पित है जिन्होंने कारगिल युद्ध में देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था। प्रदर्शनी में लगे हथियारों और तस्वीरों के माध्यम से लोग कारगिल युद्ध के दौरान हुए संघर्ष को करीब से महसूस कर पा रहे हैं।
इस 25 साल की अवसर पर प्रधानमंत्री कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे।प्रधानमंत्री मोदी कर्तव्यों के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे।https://x.com/airnewsalerts/status/1816375250713444724


कारगिल विजय दिवस का इतिहास
भारत में हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन भारत की सेना की ऐतिहासिक जीत की याद में मनाया जाता है, जब 1999 में कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के घुसपैठियों को हराया गया था। यह दिन देश के जवानों के बलिदान को याद करने और सम्मान करने का दिन है। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू और कश्मीर के कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LOC) का उल्लंघन कर भारतीय क्षेत्र में चढ़ाई कर दी थी 1999 में , भारतीय सेना ने इन घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया। यह युद्ध लगभग दो महीने तक चला और उच्च हिमालयी क्षेत्र में बेहद कठिन परिस्थितियों में लड़ा गया।



कारगिल विजय दिवस का महत्व
- वीर सपूतों को श्रद्धांजलि: इस दिन देश के उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया।
- देशभक्ति को प्रेरित करना: यह दिन हमारे सशस्त्र बलों के बलिदानों को याद दिलाता है और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देता है।
- विजय का जश्न: यह दिन भारत की सेना की विजय का जश्न मनाने का दिन है। https://x.com/airnewsalerts/status/1816375250713444724
कारगिल विजय दिवस एक पवित्र अवसर है जो हमें हमारे सैनिकों के साहस और दृढ़ संकल्प की याद दिलाता है। यह उनके सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने और राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से पुष्टि करने का दिन है।कारगिल युद्ध, भारत के इतिहास में सबसे गौरवशाली अध्यायों में से एक है। इस युद्ध में हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मन के खिलाफ अदम्य साहस और बलिदान का परिचय दिया। इनमें से कुछ प्रमुख नायकों के बारे में जानते हैं:
मेजर विक्रम बत्रा (PVC)
- टाइगर हिल के शेर: मेजर विक्रम बत्रा को टाइगर हिल पर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है।
- ये दिल मांगे मोर: उनका यह नारा आज भी युवाओं को प्रेरित करता है।
- परमवीर चक्र: उनकी शहादत के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान, परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

कैप्टन मनोज पांडे (PVC)
- जुबार टॉप का नायक: कैप्टन मनोज पांडे ने जुबार टॉप पर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई।
- अदम्य साहस: उन्होंने दुश्मन के हमलों का डटकर मुकाबला किया और अपने साथियों को प्रेरित किया।
- परमवीर चक्र: उनकी शहादत के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव (PVC)
- टाइगर हिल का योद्धा: ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव ने टाइगर हिल पर दुश्मन के कई ठिकानों को नष्ट किया।
- अकेले की लड़ाई: उन्होंने अकेले ही कई दुश्मनों को मार गिराया।
- परमवीर चक्र: उनकी शहादत के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

अन्य वीर सैनिक
इनके अलावा भी कई सैनिकों ने कारगिल युद्ध में अदम्य साहस का परिचय दिया और देश के लिए अपना बलिदान दिया। इनमें से कई को वीर चक्र और अन्य सैन्य सम्मानों से सम्मानित किया गया|कारगिल युद्ध के नायक सिर्फ सैनिक नहीं थे, बल्कि वे देशभक्ति के प्रतीक थे। उन्होंने हमें सिखाया कि देश के लिए कुछ भी करना चाहिए। उनकी शहादत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।