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सुप्रीम कोर्ट NEET-UG 2024 परिणाम 20 जुलाई तक घोषित करने का दिया आदेश, NEET कैंसिलेशन पर अगली सुनवाई 22 जुलाई

मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG 2024 में प्रश्न पत्र लीक और गलत ‘ग्रेस मार्क्स’ देने के आरोपों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पुन: परीक्षा या परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को निर्देश दिया कि वह 20 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक NEET-UG 2024 परीक्षा के परिणाम अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे। हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि परिणाम प्रकाशित करते समय छात्रों की पहचान को गोपनीय रखा जाए।

कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की मौखिक अपील पर मुख्य न्यायाधीश ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को सूचित किया कि काउंसलिंग प्रक्रिया 24 जुलाई से शुरू होने वाली है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। तब तक NEET-UG 2024 के लाखों उम्मीदवारों को अपने परिणामों का बेसब्री से इंतजार रहेगा।

कोर्ट ने IIT मद्रास की रिपोर्ट पर भी चर्चा की, जिसमें बताया गया कि अंकों के वितरण में कोई असामान्यता नहीं पाई गई। हालांकि, याचिकाकर्ताओं के वकील नरेंद्र हुड्डा ने सवाल उठाया कि यह विश्लेषण 24 लाख छात्रों के डेटा पर किया गया, जबकि इसे 1.08 लाख उत्तीर्ण छात्रों पर केंद्रित होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इतने बड़े डेटासेट में छोटी-छोटी अनियमितताओं का पता लगाना मुश्किल है।

हुड्डा ने शीर्ष 100 रैंक धारकों का डेटा जारी करने की मांग की, जिसमें राजस्थान के 9 और हरियाणा के बहादुरगढ़ के 6 छात्र शामिल थे। इस पर NTA ने कहा कि सूची का उद्देश्य टॉपर्स के विभिन्न स्थानों से होने को दिखाना है, न कि किसी केंद्र में असामान्य वृद्धि को।

प्रश्नपत्र परिवहन पर सवाल: दिन के दूसरे सत्र में, प्रश्नपत्रों के परिवहन के सुरक्षा प्रोटोकॉल पर ध्यान केंद्रित किया गया। सीबीआई ने झारखंड के हजारीबाग में एक स्कूल में प्रश्नपत्र लीक होने की संभावना जताई थी। हुड्डा ने बताया कि 3 मई को हजारीबाग में एक ई-रिक्शा पर खुले में प्रश्नपत्रों का एक ट्रंक ले जाया जा रहा था। NTA के वकील, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लीक होने से इनकार किया और कहा कि CBI ने “प्रिंटर से केंद्र तक” पूरी श्रृंखला की जांच की है। उन्होंने बताया कि सात-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली का पालन किया गया था।

पुनः परीक्षा केवल “पवित्रता” खोने पर: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह पुनः परीक्षा का आदेश तभी देगा जब लीक हुए प्रश्नों के कारण 5 मई की परीक्षा की “पवित्रता” बड़े पैमाने पर “खो गई” हो। हालांकि, पिछले हफ्ते कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा की “पवित्रता” प्रभावित हुई है, लेकिन उन्होंने पुनः परीक्षा के खिलाफ सलाह देते हुए कहा था कि कुछ परिस्थितियाँ इसके विरुद्ध हैं।

आगे क्या?: मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। तब तक NEET-UG 2024 के लाखों उम्मीदवारों को इस मामले के परिणाम का इंतजार रहेगा।

मुख्य बिंदु:

  • IIT मद्रास की रिपोर्ट: अंकों के वितरण में कोई असामान्यता नहीं।
  • याचिकाकर्ताओं की मांग: 1.08 लाख उत्तीर्ण छात्रों के डेटा पर विश्लेषण और शीर्ष 100 रैंक धारकों का डेटा जारी करना।
  • NTA का रुख: लीक होने से इनकार, सात-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली का दावा।
  • सुप्रीम कोर्ट का रुख: बड़े पैमाने पर “पवित्रता” खोने पर ही पुनः परीक्षा पर विचार।

इस विवाद ने राजनीतिक तूल भी पकड़ा है और संसद में हंगामा भी हुआ है। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।

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