हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024 को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। ओम प्रकाश चौटाला का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। चौटाला का निधन राज्य के राजनीतिक इतिहास में एक बड़ा शोक संताप लाने वाला क्षण है, क्योंकि वे हरियाणा के प्रमुख राजनेताओं में से एक रहे थे।
राजनीतिक करियर की शुरुआत और सफलता
ओम प्रकाश चौटाला का जन्म हरियाणा के सिरसा जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। वे भारतीय राजनीति में अपने पिता, पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के नक्शे कदम पर चले, जिन्होंने 1966 में हरियाणा राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चौधरी देवी लाल ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए और बाद में भारत के उप प्रधानमंत्री बने।


ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी पढ़ाई छोड़कर राजनीति में कदम रखा और 1970 में जनता दल के सदस्य के रूप में हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता। इसके बाद, उन्होंने अपनी राजनीति को और ऊंचाइयों तक पहुंचाया और 1996 में इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) की स्थापना की। पार्टी की स्थापना के साथ ही चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में एक नई दिशा दी।
ओम प्रकाश चौटाला ने पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनका मुख्यमंत्री बनने का समय और कार्यकाल हरियाणा की राजनीति में अहम पड़ाव साबित हुआ। वे दिसंबर 1989 से मई 1990 तक, फिर जुलाई 1990 में एक और बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद, मार्च 1991 से अप्रैल 1991 तक और अंत में जुलाई 1999 से मार्च 2005 तक उन्होंने राज्य की बागडोर संभाली। उनके नेतृत्व में हरियाणा में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत हुई, और उनकी राजनीति में एक अलग पहचान बनी।

राजनीतिक मित्रों और विरोधियों का शोक
चौटाला के निधन पर राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, “जब ओम प्रकाश जी मुख्यमंत्री थे, मैं विपक्ष का नेता था। हमारे बीच अच्छे संबंध थे। उन्होंने लोगों की सेवा की और उनके प्रति सच्ची निष्ठा दिखाई। वे हमेशा सक्रिय थे और ऐसा नहीं लगा कि वे हमें इतनी जल्दी छोड़ देंगे। वे एक अच्छे इंसान थे और मेरे लिए बड़े भाई जैसे थे।”
चौटाला के निधन से न केवल उनकी पार्टी, बल्कि राज्य की राजनीति में भी एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। उनके योगदान और प्रभाव को नकारा नहीं किया जा सकता है। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने हरियाणा की राजनीति को आकार दिया और अपने समर्थकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी।
उनकी विरासत
ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक जीवन कई उतार-चढ़ाव से भरा था, लेकिन उनके द्वारा किए गए संघर्षों और उपलब्धियों ने उन्हें एक महत्वपूर्ण नेता बना दिया। उनकी मौत के बाद अब हरियाणा की राजनीति में एक नई दिशा की आवश्यकता महसूस होगी, लेकिन उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। चौटाला के नाम पर उनकी पार्टी और उनके समर्थक हमेशा उनका आदर्श बनाए रखेंगे।
हरियाणा की राजनीति के इस दिग्गज नेता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राजनेताओं और जनता ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। ओम प्रकाश चौटाला का योगदान हरियाणा के विकास और राजनीति में अनमोल रहेगा।
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