हरियाणा:— हरियाणा विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सत्ता विरोधी लहर के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश में लगी है, लेकिन पहली लिस्ट के बाद पार्टी के अंदर विरोध और असंतोष की लहर ने जन्म ले लिया है। वहीं, कांग्रेस ने पहलवान विनेश फोगाट को पार्टी में शामिल कर एक नई रणनीति अपनाई है, जो आगामी चुनावों में उसकी स्थिति को मजबूत कर सकती है।
हरियाणा:- BJP में बढ़ती असंतोष की लहर
हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी की, जिसके बाद कई नेता पार्टी के निर्णयों से नाराज हो गए हैं। इन नाराज नेताओं में कुछ ने पार्टी छोड़ दी है और कई ने सार्वजनिक रूप से असंतोष व्यक्त किया है। बीजेपी में इस असंतोष को सुलझाने के लिए उच्चस्तरीय मीटिंग्स और चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन फिलहाल कोई ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा है। पार्टी के अंदरखाने की ये गहमागहमी बीजेपी की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकती है।
कांग्रेस में सीएम पद की जंग
कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए घमासान जारी है। भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला तीनों ही इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। पार्टी के अंदर इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि अंतिम निर्णय किसके पक्ष में होगा। इस बीच, कांग्रेस ने पहलवान विनेश फोगाट को पार्टी में शामिल कर एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाया है। विनेश फोगाट की लोकप्रियता और उनकी छवि को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर एक रणनीतिक चाल चली है, जो उनके चुनावी प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है।

एनडीए और इंडिया गठबंधन की स्थिति
विपक्ष जाति जनगणना और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने में लगी हुई है। दूसरी ओर, एनडीए सरकार अपने सहयोगी दलों के उन नेताओं पर नियंत्रण बनाए रखने की कोशिश कर रही है जो सरकार के लिए असहज बयान दे रहे हैं। यह स्थिति एनडीए के अंदर एक नई रणनीतिक दिशा को दर्शाती है और गठबंधन के भीतर सामंजस्य बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
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आगे की राह
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों को लेकर पार्टियों के अंदर की गहमागहमी और रणनीतिक बदलावों को समझना महत्वपूर्ण होगा। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने तरीके से चुनावी रण में उतरने के लिए तैयार हैं, लेकिन कौन सी पार्टी किस हद तक सफल होगी, यह तो समय ही बताएगा। नेतानगरी में चल रही इन गतिविधियों के मद्देनजर, चुनावी माहौल गर्म और गतिशील बना हुआ है, जो अगले कुछ महीनों में और भी महत्वपूर्ण हो सकता है।