हाल ही में आई एक रिपोर्ट में पता चला है कि भारत के 25 हाई कोर्ट में तैनात 749 जजों में से मात्र 98 जजों की संपत्ति की जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। इस मामले में सबसे ज्यादा जानकारी केरल हाई कोर्ट के जजों की है, जहां 39 जजों में से 37 की संपत्ति का विवरण वेबसाइट पर डाला गया है।
हाई कोर्ट आंकड़े क्या कहते हैं?
इन 98 जजों में से 80 प्रतिशत की जानकारी केवल तीन हाई कोर्ट से आई है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 55 में से 31 जजों की संपत्ति की जानकारी प्रकाशित की है, जबकि दिल्ली हाई कोर्ट ने 39 जजों में से केवल 11 की जानकारी उपलब्ध कराई है। कई अन्य हाई कोर्ट, जैसे राजस्थान, कलकत्ता, और झारखंड, में जजों की संपत्ति का कोई ब्योरा नहीं है।

विभिन्न हाई कोर्ट में संपत्ति की स्थिति:
हाई कोर्ट | कुल जजों की संख्या | जिनकी संपत्ति की जानकारी पब्लिक डोमेन में है | अन्य जानकारी |
---|---|---|---|
दिल्ली | 39 | 11 | फाइल अपलोड नहीं है |
पंजाब एंड हरियाणा | 55 | 31 | नो मेंशन |
केरल | 39 | 37 | नो मेंशन |
राजस्थान | 33 | 0 | नो मेंशन |
कलकत्ता | 44 | 0 | नो मेंशन |
झारखंड | 18 | 0 | नो मेंशन |
अन्य | – | – | – |
संपत्ति की जानकारी में क्या शामिल है?
जजों की संपत्ति की जानकारी में चल और अचल संपत्ति, जीवनसाथी और आश्रितों की संपत्तियों का ब्योरा, शेयर, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉंड, और इंश्योरेंस पॉलिसी जैसी जानकारी शामिल है। इसके अलावा, कुछ मामलों में जजों के पास मौजूद आभूषणों और उनके कर्जों का विवरण भी दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के जजों की स्थिति
सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति की जानकारी भी हाल ही में सामने आई है। 33 जजों में से 27 ने अपनी संपत्ति की घोषणा की है। हालांकि, यह जानकारी स्वैच्छिक आधार पर दी गई है, जो जजों की इच्छा पर निर्भर करती है।
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भविष्य की संभावनाएँ
‘लोक शिकायत और लॉ एंड जस्टिस पर संसद की समिति’ ने हाल ही में इस विषय पर कानून बनाने की सिफारिश की है, जिससे न्यायपालिका की पारदर्शिता बढ़ाई जा सके। हालांकि, वर्तमान में केवल 13 प्रतिशत जजों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है, जो एक चिंता का विषय है। क्या आने वाले समय में सभी जज अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करेंगे? यह देखना दिलचस्प होगा।