लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास में 1968 में दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायुसेना के एएन-12 विमान के मलबे से हाल ही में चार सैनिकों के शव बरामद हुए हैं। इन शवों का पोस्टमार्टम लोसर में किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा।
लाहौल-स्पीति के पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने एएनआई से बातचीत में जानकारी दी कि यह विमान, जिसमें 102 सैनिक सवार थे, ढाका ग्लेशियर के पास चंद्रभागा-13 में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। उन्होंने बताया, “पहले भी इस दुर्घटना से शवों को बरामद करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। अब तक कुल पांच शव बरामद किए जा चुके हैं।”
हिमाचल प्रदेश:- बरामद शवों की पहचान
बरामद शवों में सहारनपुर के मलखान सिंह, पौड़ी गढ़वाल के सिपाही नारायण सिंह, हरियाणा के रेवाड़ी के सिपाही मुंशी राम और केरल के थॉमस चेरियन शामिल हैं। चौधरी ने बताया कि शवों की स्थिति काफी खराब थी, और सड़ी-गली अवस्था में पाए गए।

दुर्घटना का इतिहास
1968 में चंडीगढ़ से उड़ान भरने वाला यह विमान, लेह की ओर जाते समय खराब मौसम के कारण लाहौल घाटी के पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। वर्षों तक खोज अभियानों के बावजूद, कई शव और मलबा बर्फ से ढके ऊंचे क्षेत्रों में खो गए थे।
2018 में, इस विमान के अवशेष और एक सैनिक का शव ढाका ग्लेशियर बेस कैंप में खोजा गया था। यह खोज एक पर्वतारोहण टीम द्वारा की गई थी, जो चंद्रभागा-13 चोटी पर सफाई अभियान का हिस्सा थी।

भविष्य की खोजें
इस नई बरामदगी ने 1968 की दुर्घटना पर फिर से ध्यान आकर्षित किया है, और आशा जताई जा रही है कि इसके जरिए अन्य लापता सैनिकों के अवशेषों का भी पता लगाया जा सकेगा। अभियानों की निरंतरता इस बात की संभावना को बढ़ाती है कि आगे और अवशेष या महत्वपूर्ण सुराग भी प्राप्त हो सकें।
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यह घटना न केवल उन सैनिकों की याद को ताज़ा करती है जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया, बल्कि यह भी दर्शाती है कि उनकी वीरता और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जाएगा।