26/11 मुंबई आतंकी हमले से जुड़े आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, राणा गुरुवार दोपहर तक दिल्ली पहुंच सकता है। उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, उसे सीधे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में लिया जाएगा। भारत सरकार इस अहम ट्रांजिशन को लेकर पूरी तरह सतर्क और तैयार है।
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण से पहले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और विदेश सचिव विक्रम मिस्री शामिल हुए। यह बैठक राणा के भारत आने के बाद की रणनीति और सुरक्षा इंतजामों पर केंद्रित रही।
सूत्रों के अनुसार, NIA तहव्वुर राणा से शुरुआती पूछताछ दिल्ली या मुंबई में कर सकती है। उसे कुछ हफ्तों तक एजेंसी की हिरासत में रखा जाएगा, ताकि हमले से जुड़ी विस्तृत जानकारी जुटाई जा सके।
तहव्वुर राणा को अमेरिका के लॉस एंजिल्स स्थित मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया था। अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने उसे 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप था कि उसने लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन दिया और कोपेनहेगन के एक अखबार पर आतंकी हमले की योजना में शामिल रहा। 2011 में अमेरिकी अदालत ने उसे दोषी ठहराया और 14 साल की सजा सुनाई गई।

भारत ने राणा के खिलाफ 26/11 मुंबई हमले की जांच के दौरान सबूत जुटाए थे, जिससे उसका पाकिस्तान स्थित आतंकी साजिशकर्ताओं से संबंध स्पष्ट हुआ। राणा पर आरोप है कि उसने अपने सहयोगी डेविड हेडली के साथ मिलकर हमले की तैयारी और जानकारी साझा की थी।
अब जब अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है, यह भारत के लिए एक बड़ा कूटनीतिक और न्यायिक कदम माना जा रहा है। राणा की वापसी 26/11 के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है।
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NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी तैयारी के साथ उसकी आमद का इंतज़ार कर रही हैं, ताकि सटीक और निर्णायक कार्रवाई की जा सके।