8वें वेतन आयोग के लागू होने पर न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक हो सकता है। यह सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है।
8वें वेतन आयोग की स्थिति
- वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अप्रैल 2025 में आयोग का कार्य शुरू होने की संभावना है।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल आयोग के ToR (Terms of Reference) को मंजूरी देगा।
- आयोग कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और रक्षा मंत्रालय से सुझाव लेगा।
- वित्त वर्ष 2026 पर इसका कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन आगामी केंद्रीय बजट में इसके लिए धन आवंटित किया जाएगा।

क्या है 8वां वेतन आयोग?
8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के वेतन और पेंशन की समीक्षा करेगा।
- महंगाई भत्ते (DA) में समायोजन किया जाएगा ताकि वे मुद्रास्फीति दर से मेल खा सके।
- वेतन वृद्धि और पेंशन में संशोधन पर निर्णय लिया जाएगा।
- इससे भारत की एकीकृत पेंशन योजना (UPS) पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
50 लाख सरकारी कर्मचारियों को होगा लाभ
- सरकार ने अभी तक वेतन वृद्धि का सटीक प्रतिशत घोषित नहीं किया है।
- एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक हो सकता है।
- रक्षा कर्मियों सहित लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों को इससे सीधा लाभ होगा।
हर 10 साल में आता है नया वेतन आयोग
- सरकार 1946 से अब तक 7 वेतन आयोग लागू कर चुकी है।
- हर 10 साल में एक नया आयोग वेतन और पेंशन संशोधन पर निर्णय लेने के लिए गठित किया जाता है।
- अब 8वें वेतन आयोग की स्थापना पर काम जारी है।
क्या कर्मचारियों के वेतन में भारी वृद्धि होगी?
अगर न्यूनतम वेतन ₹51,480 तक बढ़ता है, तो सरकारी कर्मचारियों के वेतन में तीन गुना वृद्धि संभव हो सकती है। हालांकि, अंतिम निर्णय आयोग की सिफारिशों और सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
सरकारी कर्मचारियों को क्या करना चाहिए?
- वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणाओं पर नजर रखें।
- महंगाई भत्ता (DA) बढ़ने से पहले निवेश योजनाओं की समीक्षा करें।
- बजट 2025-26 में वेतन आयोग से जुड़ी घोषणाओं पर ध्यान दें।
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अगर 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, तो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार इस पर अप्रैल 2025 में विचार-विमर्श शुरू करेगी, जिससे लाखों कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा।