मध्यप्रदेश में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप से हुई 22 बच्चों की मौत के मामले में जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस कांड के मुख्य आरोपी और दवा निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स (कांचीपुरम, तमिलनाडु) के संचालक रंगनाथन (75) को एसआईटी ने शुक्रवार को परासिया न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उसे 20 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इस तरह वह दीपावली जेल की सलाखों के पीछे ही मनाएगा।
पेशी के दौरान अदालत परिसर में भारी तनाव देखा गया। लोगों ने आरोपी के खिलाफ नारेबाजी की और कुछ ने उस पर हमला करने की कोशिश भी की, जिसके दौरान हुई अफरा-तफरी में रंगनाथन का चश्मा टूट गया। गुस्साई भीड़ आरोपी को सख्त सजा देने की मांग कर रही थी।
एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी से तमिलनाडु में भी पूछताछ की जाएगी ताकि इस घातक सिरप के निर्माण और वितरण से जुड़ी पूरी साजिश का पर्दाफाश हो सके। इस मामले में डॉ. प्रवीण सोनी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि तीन बच्चे अब भी नागपुर के अस्पताल में भर्ती हैं।

इस बीच, बालाघाट जिले के तीन मेडिकल स्टोरों से प्रतिबंधित सिरप की 167 शीशियां जब्त की गई हैं। इनकी जांच चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि जहरीले बैच कैसे बाजार में पहुंचे।
वहीं, परासिया अधिवक्ता संघ ने आरोपी की पैरवी से इनकार कर दिया है। किसी भी वकील ने उसका केस नहीं लिया, जिसके चलते रंगनाथन को खुद ही अदालत में अपना पक्ष रखना पड़ा।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा कि राज्य स्तर पर जांच चल रही है और फिलहाल उसी को आगे बढ़ाया जाएगा। जांच एजेंसियां अब इस पूरे प्रकरण के पीछे छिपे लोगों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हैं।