Agnipath Scheme:– अग्निपथ योजना को लेकर एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। शीर्ष अधिकारियों ने 4 सितंबर को पुष्टि की है कि इस स्कीम में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अधिकारी ने योजना के पीछे की रणनीति और इसके महत्व को समझाते हुए कहा कि इसे भारत की सुरक्षा से जोड़कर देखा जाना चाहिए।
Agnipath Scheme: योजना का अहम हिस्सा
अधिकारियों के अनुसार, अग्निपथ योजना चीन के साथ विवादित सीमा पर सामरिक लाभ सुनिश्चित करने की हमारी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अधिकारियों ने कहा कि सेना को ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों और ऊंचाइयों पर लड़ने के लिए युवा और शारीरिक रूप से फिट सैनिकों की आवश्यकता है। इस योजना के अंतर्गत भर्ती किए गए युवा सैनिक इस चुनौतीपूर्ण इलाके में लड़ने के लिए बेहतर तरीके से सक्षम होंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संदर्भ में कहा, “इन्फैंट्री सैनिक टैंक या अन्य लड़ाकू वाहनों को ऊंचाइयों तक नहीं ले जा सकते। हमें ऐसे सैनिकों की जरूरत है जो अपनी पीठ पर भारी बोझ उठाने में सक्षम हों और ऊंचाई पर शारीरिक रूप से मुकाबला कर सकें।”
उम्र का महत्व और योजना का उद्देश्य
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में हमारे इन्फैंट्री सैनिकों की औसत आयु 29 साल है, जबकि इसे घटाकर करीब 21 साल करने की आवश्यकता है। इसके लिए दो विकल्प हैं: या तो सेना में भर्ती को अनिवार्य किया जाए, या फिर एक शॉर्ट टर्म इंडक्शन मॉडल अपनाया जाए, जैसे कि अग्निपथ योजना। अग्निपथ योजना सुनिश्चित करती है कि सेना में भर्ती होने वाले जवान अपनी शारीरिक फिटनेस के चरम पर हों और युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार हों।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में अग्निपथ योजना के बारे में कहा था कि यह योजना युद्ध प्रभावशीलता को बढ़ावा देगी और देश की ताकत को मजबूती प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि सशस्त्र बलों में एज प्रोफाइल को कम करने की चर्चा दशकों से चल रही थी, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण इसे अमल में नहीं लाया जा सका था।
भविष्य की योजनाएँ और सुझाव
हाल ही में यह खबर आई थी कि आर्मी सरकार को योजना में कुछ बदलावों का सुझाव देने पर विचार कर रही है। इनमें ग्रेजुएट्स को शामिल करने के लिए ऊपरी आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 करने और चार साल बाद कम से कम 50 प्रतिशत सैनिकों को स्थायी बनाने के सुझाव शामिल हैं।
निष्कर्ष
अग्निपथ योजना को लेकर जारी इस स्थिति ने स्पष्ट कर दिया है कि यह योजना भारतीय सेना की भविष्य की सामरिक जरूरतों और सुरक्षा रणनीति का अभिन्न हिस्सा है। फिलहाल, योजना में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा, और इसके उद्देश्य को पूरा करने के लिए सभी प्रयास जारी रहेंगे।