अहमदाबाद | गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। दोपहर 1:38 बजे टेकऑफ के चंद मिनट बाद ही बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास एक अस्पताल के हॉस्टल से टकरा गया। टक्कर के साथ ही विमान में आग लग गई, और पल भर में यह दुर्घटना देश के नागरिक उड्डयन इतिहास की सबसे भीषण त्रासदियों में दर्ज हो गई।
243 यात्रियों में से सिर्फ एक बचा
इस हादसे में चालक दल के 12 सदस्यों सहित कुल 242 लोग मारे गए। केवल एक यात्री – विश्वास कुमार रमेश, इस त्रासदी में जीवित बच पाए।
मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ-साथ कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। यात्रियों की सूची में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक थे।
टाटा चेयरमैन का भावुक पत्र: “यह हमारे लिए सबसे काला दिन”
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को एक गहरे भावनात्मक पत्र में इस त्रासदी को “टाटा समूह के इतिहास का सबसे काला दिन” बताया।
उन्होंने लिखा:
“यह हमारे लिए अत्यंत कठिन समय है। किसी एक व्यक्ति को खोना भी त्रासदी है, लेकिन एक साथ इतनी सारी जिंदगियों का चले जाना हमारी कल्पना से परे है। हम गहरे शोक में हैं। हमारी पूरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि टाटा समूह पूरी पारदर्शिता से इस मामले की जांच में सहयोग करेगा और जांच पूरी होने तक कोई सार्वजनिक निष्कर्ष नहीं निकाला जाएगा।

ब्लैक बॉक्स मिला, जांच में मिल सकती है मदद
दुर्घटना के 28 घंटे के भीतर ही फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) बरामद कर लिया गया है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने जानकारी देते हुए कहा कि
“ब्लैक बॉक्स की बरामदगी इस जांच में निर्णायक भूमिका निभाएगी। इसमें विमान की उड़ान से जुड़े डेटा, पायलटों की बातचीत और तकनीकी रिकॉर्डिंग शामिल हैं।”
DGCA और AAIB सहित भारत, अमेरिका और ब्रिटेन की जांच एजेंसियों की टीमें अहमदाबाद पहुंच चुकी हैं। सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे अहमदाबाद, पीड़ितों से मिले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह अहमदाबाद पहुंचकर सबसे पहले दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया।
उन्होंने NDRF और स्थानीय प्रशासन से राहत-बचाव कार्यों की जानकारी ली।
इसके बाद पीएम सिविल अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने घायल यात्रियों और हॉस्टल में घायल छात्रों से मुलाकात की।
उन्होंने एकमात्र जीवित यात्री विश्वास कुमार रमेश से भी व्यक्तिगत रूप से बात की और चिकित्सकों से उनके इलाज की जानकारी ली।
टाटा समूह के लिए भावनात्मक क्षण
टाटा समूह, जिसने हाल ही में एयर इंडिया को पुनः अपने अधीन लिया था, इस हादसे से भावनात्मक और प्रशासनिक दोनों ही रूप में गहरा आघात महसूस कर रहा है।
चेयरमैन चंद्रशेखरन ने कहा कि यह क्षण टाटा परिवार के लिए बेहद दुखद है, और सभी प्रभावित परिवारों की मदद और समर्थन के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
शोक में डूबा देश, सवालों से घिरा सिस्टम
जहां एक ओर देशभर में इस घटना को लेकर शोक की लहर है, वहीं नागर विमानन प्रणाली पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
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क्या यह तकनीकी गड़बड़ी थी? या कोई मानवीय चूक? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में जांच के बाद सामने आएंगे।