नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण फिर से गंभीर रूप से बढ़ गया है और Air Quality Index (AQI) 400 के पार पहुंच गया है। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी है, जिसमें हाईवेज, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन और टेलीकॉम्युनिकेशन जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।


दिल्ली के 37 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 26 पर AQI 400 से अधिक
दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है, और राष्ट्रीय राजधानी का AQI 400 से भी अधिक रिकॉर्ड किया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के 37 वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 26 पर AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया। इनमें से प्रमुख प्रभावित क्षेत्र जहांगीरपुरी (466), आनंद विहार (465), बवाना (465), रोहिणी (462), लाजपत नगर (461), अशोक विहार (456), और पंजाबी बाग (452) रहे। इन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो चुका है।
ठंड और कम हवा की गति ने प्रदूषण बढ़ाया
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हवा की गति कम है और न्यूनतम तापमान भी 5 डिग्री सेल्सियस के नीचे बना हुआ है, जिससे प्रदूषण का स्तर अधिक बढ़ गया है। कम तापमान और धीमी हवाओं के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में जमे रहते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में और भी गिरावट आई है।
16 दिसंबर को AQI 306 (बहुत खराब) श्रेणी में पहुंच चुका था, जो 14 दिसंबर की तुलना में अधिक था। इससे पहले 14 दिसंबर को दिल्ली में AQI 300 के आसपास था।


GRAP-IV प्रतिबंध लागू, ट्रैफिक और निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध
GRAP-IV (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत दिल्ली में गैर-जरूरी ट्रकों की इंट्री पर रोक लगा दी गई है। केवल वे ट्रक ही दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं, जो आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति कर रहे हैं, जैसे कि LNG/CNG/इलेक्ट्रिक और BS-VI डीजल ट्रक। BS-IV और उससे नीचे के डीजल वाहनों की दिल्ली में इंट्री पर पाबंदी है।
साथ ही, दिल्ली में सभी निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर भी रोक लगा दी गई है, जिसमें हाईवेज, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन और टेलीकॉम्युनिकेशन प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
ऑनलाइन क्लासेज, स्कूल और कॉलेजों में बंदी के संकेत
वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए, दिल्ली और एनसीआर के स्कूलों और कॉलेजों को ऑनलाइन क्लासेज चलाने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा, गैर-जरूरी वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करने और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर गाड़ियों के लिए ऑड-इवन प्रणाली लागू करने पर विचार किया जा सकता है।
केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्राधिकरण (CAQM) ने दिल्ली-NCR में गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार से अलग-अलग समय पर ऑफिस जाने के लिए विचार करने की सलाह दी है।
आपातकालीन उपायों पर विचार
अगर प्रदूषण का स्तर और बढ़ता है, तो दिल्ली सरकार द्वारा और भी आपातकालीन उपायों पर विचार किया जा सकता है। इनमें स्कूलों और कॉलेजों को बंद करना, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को रोकना और ऑड-इवन सिस्टम लागू करना शामिल है।
दिल्ली के नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे बाहर न निकलें और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ बरतें, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी जा रही है।
यह भी पढ़े:- संभल और अजमेर शरीफ मस्जिद विवाद, सियासी बयानबाज़ी और कानूनी लड़ाई जारी
निष्कर्ष
दिल्ली की वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया गया है। नागरिकों को भी प्रदूषण से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। प्रदूषण को कम करने के लिए दीर्घकालिक उपायों के साथ-साथ तात्कालिक उपायों की भी जरूरत है, ताकि राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता को सुधारा जा सके।