सिंगरौली, मध्यप्रदेश: सिंगरौली जिले के देवसर तहसील के एसडीएम अखिलेश सिंह के बेटे और 2023 बैच के IPS अधिकारी हर्षवर्धन सिंह की बेंगलुरु के पास सड़क हादसे में tragically मौत हो गई पुलिस अधिकारियों के मुताबिक हर्षवर्धन सिंह कर्नाटका के हासन में अपनी पहली नियुक्ति के लिए जा रहे थे, जहां उन्हें सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में तैनात किया जाना था।
घटना की जानकारी
बताया जा रहा है कि हर्षवर्धन सिंह हाल ही में कर्नाटक पुलिस अकादमी (KPA) से अपना चार सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा कर लौट रहे थे। वे हासन के पास सड़क दुर्घटना का शिकार हुए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना बेंगलुरु के आसपास की एक प्रमुख सड़क पर हुई, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
परिवार और प्रशासन में शोक
हर्षवर्धन सिंह की मौत की खबर जैसे ही उनके परिवार और जिला प्रशासन को मिली, शोक की लहर दौड़ गई। उनके पिता अखिलेश सिंह, जो सिंगरौली जिले के देवसर तहसील में एसडीएम के रूप में कार्यरत हैं, और उनके परिवार के अन्य सदस्य गहरे शोक में डूबे हुए हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच भी इस दुखद घटना को लेकर स्तब्धता और शोक का माहौल है।
हर्षवर्धन सिंह का नाम प्रशासनिक सेवाओं में उत्कृष्टता के प्रतीक के रूप में जाना जा रहा था, और उनके अचानक निधन से जिले में एक गहरी रिक्तता महसूस की जा रही है।
हर्षवर्धन सिंह की आकस्मिक मौत का असर
हर्षवर्धन सिंह 2023 बैच के आईपीएस प्रोबेशनरी अधिकारी थे, और उन्हें अपने करियर में बहुत बड़ी सफलता की उम्मीद थी। उन्होंने कर्नाटका पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, अपनी पहली तैनाती के लिए हासन में एएसपी के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी। उनकी शानदार कार्यशैली और समर्पण की वजह से वे पुलिस प्रशासन में एक सम्मानित अधिकारी के रूप में उभर रहे थे।
अधिकारियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि हर्षवर्धन सिंह एक जिम्मेदार और दृढ़नायक अधिकारी थे, जिनका निधन पुलिस प्रशासन और समाज दोनों के लिए एक बड़ा झटका है।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को तूल दिया है। घटना के बाद, स्थानीय अधिकारियों ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता जताई है।
यह भी पढ़े:- महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में भीषण सड़क हादसा , 11 यात्रियों की जान गई
इस दर्दनाक घटना के बाद, हर्षवर्धन सिंह की यादें और उनके योगदान को हमेशा सम्मानित किया जाएगा।