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बिग बॉस 18: विवियन की हार की कहानी, कैसे बिग बॉस ने खुद को साबित किया

बिग बॉस 18 का 105 दिनों का सफर खत्म हो चुका है और इस बार दर्शकों को नया विजेता मिल चुका है। करणवीर मेहरा ने फाइनल में विवियन डीसेना को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की। यह सीजन कई मायनों में खास था क्योंकि इस बार बिग बॉस ने एक अलग ही तरीके से खेल खेला। जबकि शुरुआत से ही विवियन डीसेना को फाइनलिस्ट माना जा रहा था, आखिरकार विजेता करणवीर मेहरा बने। तो क्या आप जानते हैं कि विवियन की हार की कहानी खुद बिग बॉस ने लिखी है? आइए जानते हैं कैसे।

शुरुआत से ही बिग बॉस के सपोर्ट में विवियन

Bigg Boss 18 के पहले दिन से ही यह साफ कर दिया गया था कि विवियन डीसेना को इस सीजन में हर कदम पर बिग बॉस का सपोर्ट मिलेगा। न केवल उन्हें नॉमिनेशन से बचाया गया, बल्कि बिग बॉस ने उनके लिए कई बार कन्फेशन रूम में जाकर उन्हें दूसरे कंटेस्टेंट्स के प्लानिंग्स और गेम के बारे में बताया। इससे विवियन को इस खेल में कुछ ज्यादा ही फायदा हुआ। वह न केवल सुरक्षित महसूस कर रहे थे, बल्कि उन्हें लगता था कि फाइनल में पहुंचना तो तय है ही।

विवियन के खिलाफ बिग बॉस के निर्णय

विवियन के लिए सबसे बड़ी समस्या यह थी कि बिग बॉस ने उन्हें इस हद तक सहारा दिया कि उनका खुद का खेल प्रभावित हो गया। वह न तो टास्क में दिलचस्पी दिखाते थे, न ही कोई नई रणनीति अपनाते थे। बिग बॉस के लगातार सपोर्ट से वह अपनी स्थिति को बहुत ही सुरक्षित समझने लगे थे। यही कारण था कि उनकी बॉडी लैंग्वेज भी यह दर्शा रही थी कि वह खुद को विजेता मान चुके थे, जिससे बाकी कंटेस्टेंट्स और जनता में गुस्सा भी बढ़ने लगा।

विवियन की हार के कारण

  1. आलसी खेल और टास्क में रुचि की कमी – विवियन ने पहले ही दिन से यह स्पष्ट कर दिया था कि वह टास्क में पूरी तरह से सक्रिय नहीं रहेंगे। इससे उनकी मेहनत की कमी स्पष्ट हुई, और जनता की नजरों में उनकी इमेज बिगड़ी।
  2. बिग बॉस का अतिरिक्त सपोर्ट – बिग बॉस ने बार-बार उन्हें सेफ रखा, जिससे अन्य कंटेस्टेंट्स को यह महसूस हुआ कि विवियन को बहुत अधिक सहारा मिल रहा है। यही कारण था कि उनके खिलाफ जनता की नफरत बढ़ गई।
  3. फैमिली वीक और भेदभाव का आरोप – एक समय ऐसा आया जब विवियन की पत्नी को बार-बार बुलाकर उन्हें समझाया गया, जो दर्शकों को असंवेदनशील लगा। यह कार्रवाई दर्शकों द्वारा भेदभाव के रूप में देखी गई।
  4. वोटिंग और गेम का असंतुलन – विवियन ने समझ लिया था कि उनकी जगह सुरक्षित है, जिससे उनका खेल कमजोर पड़ गया। अगर वह खुद को पूरी तरह से अपने खेल में लगाए होते, तो निश्चित रूप से फाइनल में करणवीर के लिए चुनौती पेश करते।

करणवीर का जीतना डिजर्व था

करणवीर मेहरा ने पूरे सीजन में अकेले ही संघर्ष किया। उन्होंने टास्क में भाग लिया, दोस्ती बनाई और तोड़ी, और अंत तक अपना खेल निभाया। जबकि विवियन को बहुत अधिक सपोर्ट मिला था, करणवीर ने अपनी मेहनत और टैलेंट के दम पर शो को जीतने का हक हासिल किया।

बिग बॉस ने कैसे अपनी इमेज को बचाया?

इस सीजन में बिग बॉस को अपनी विश्वसनीयता को बचाने का एक बड़ा मौका मिला। जनता ने कई बार यह सवाल उठाया था कि हमेशा कलर्स टीवी के पसंदीदा कंटेस्टेंट्स को ही क्यों विजेता बना दिया जाता है। इस बार बिग बॉस ने अपने लाडले को हराकर खुद को साबित किया और यह दिखाया कि वह सही और डिजर्विंग कंटेस्टेंट को ही जीतने का मौका देंगे।

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Bigg Boss 18 में कई उतार-चढ़ाव थे, लेकिन इस बार बिग बॉस ने अपने तरीके से खेल खेलते हुए करणवीर मेहरा को जीत दिलवाकर अपने फैसलों को सही साबित किया। विवियन डीसेना, जिनको पहले से ही विजेता के तौर पर देखा जा रहा था, अंततः अपनी लापरवाही और बिग बॉस के अत्यधिक सपोर्ट के कारण हार गए। इस सीजन ने यह साबित किया कि अगर आप खुद अपने खेल पर ध्यान देंगे और मेहनत करेंगे, तो ही आप ट्रॉफी के हकदार होंगे।

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