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सलीम खान बोले – “ज्यादातर मुसलमान बीफ खाते हैं क्योंकि…” अपने घर का भी राज खोला

मुंबई
बॉलीवुड के मशहूर पटकथा लेखक और सुपरस्टार सलमान खान के पिता सलीम खान ने हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में अपने परिवार की खान-पान की आदतों, धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक जुड़ाव को लेकर कई अहम बातें साझा कीं। इस दौरान उन्होंने बीफ खाने की प्रथा, पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं और हिंदू संस्कृति से अपने रिश्ते पर खुलकर चर्चा की।

बीफ पर सलीम खान का बड़ा बयान

‘फ्री प्रेस जर्नल’ से बातचीत करते हुए सलीम खान ने साफ कहा कि उनके परिवार ने कभी बीफ का सेवन नहीं किया। उन्होंने बताया कि इंदौर में बचपन से लेकर अब तक उनके घर में बीफ पकने का सवाल ही नहीं उठा। सलीम खान ने कहा –
“ज्यादातर मुसलमान बीफ इसलिए खाते हैं क्योंकि यह सबसे सस्ता मांस होता है। कई लोग तो इसे पालतू कुत्तों को खिलाने के लिए भी खरीदते हैं। लेकिन मेरे घर में इसे हराम माना गया है। पैगंबर मोहम्मद ने भी गाय के दूध को मां के दूध का विकल्प बताया है, इसलिए गाय को मारना और बीफ खाना गलत माना जाता है।”

अंतरजातीय शादी और परिवार की सोच

सलीम खान ने अपनी अंतरजातीय शादी का भी जिक्र किया। उनकी पत्नी सलमा खान (पहले सुशीला चरक) हिंदू डोगरा परिवार से ताल्लुक रखती थीं। शुरुआत में सलमा के पिता को धर्म को लेकर आपत्ति थी, लेकिन बाद में उन्होंने सलीम के परिवार और शैक्षिक पृष्ठभूमि को समझकर शादी के लिए हामी भर दी।
सलीम ने कहा –
“हमारी शादी को 60 साल हो चुके हैं। इस दौरान धर्म ने कभी हमारे रिश्ते में दीवार खड़ी नहीं की। परिवार ने हमेशा प्यार और आपसी सम्मान को प्राथमिकता दी।”

हिंदू संस्कृति और त्योहारों से जुड़ाव

सलीम खान ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे बचपन से ही हिंदू त्योहारों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा –
“मैं पुलिस कॉलोनियों और मोहल्लों में पला-बढ़ा जहां ज्यादातर लोग हिंदू थे। इसलिए गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों में हमेशा शामिल रहा। आज भी हमारे घर में गणपति की स्थापना होती है। हाल ही में गणेश उत्सव पर मैंने और सलमा ने एक-दूसरे को प्रसाद खिलाया, जिसका वीडियो बेटे सोहेल ने सोशल मीडिया पर शेयर किया।”

धार्मिक सहनशीलता का संदेश

सलीम खान ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने हर धर्म से अच्छाइयां अपनाने की सीख दी थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हलाल मांस खाने की परंपरा भी यहूदियों से ली गई थी। उनका मानना है कि सभी धर्मों में कुछ न कुछ अच्छा होता है और इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
सलीम ने कहा –
“हम सभी एक सर्वोच्च शक्ति में विश्वास करते हैं। हमारे परिवार में धर्म को लेकर कभी विवाद नहीं हुआ। हम हर परंपरा और हर विश्वास का सम्मान करते हैं।”

सलमान खान का भी यही रुख

सलीम खान के बेटे और बॉलीवुड स्टार सलमान खान भी पहले कह चुके हैं कि वे बीफ और पोर्क नहीं खाते। 2017 में ‘आप की अदालत’ में सलमान ने कहा था –
“मेरी मां हिंदू हैं, पिता मुस्लिम हैं और सौतेली मां क्रिश्चियन हैं। मैं गाय को माता मानता हूं क्योंकि मेरी मां हिंदू हैं। पोर्क भी नहीं खाता क्योंकि यह मेरे पिता के धर्म में हराम है। मैं खुद को सिर्फ हिंदुस्तानी मानता हूं और सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।”

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सलीम खान का यह बयान न सिर्फ उनके व्यक्तिगत जीवन और खान-पान की आदतों का खुलासा करता है, बल्कि यह धार्मिक सहिष्णुता और भारतीय संस्कृति की विविधता का भी संदेश देता है। उनके मुताबिक, धर्म इंसान को जोड़ने का जरिया होना चाहिए, न कि बांटने का।

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