प्रयागराज। महाकुंभ के पवित्र अवसर पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। बुधवार, 22 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ त्रिवेणी संगम की पावन धारा में स्नान करेंगे। इससे पहले अरैल के त्रिवेणी संकुल में दोपहर 12 बजे प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें कई महत्वपूर्ण योजनाओं और प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बदला गया स्थान
पहले यह बैठक मेला प्राधिकरण के सभागार में आयोजित की जानी थी, लेकिन श्रद्धालुओं को असुविधा से बचाने के लिए इसे अरैल में स्थानांतरित किया गया। वीआईपी सुरक्षा के कारण आम श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया।
पूरे मंत्रिमंडल के साथ संगम स्नान
बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, और अन्य मंत्री मोटर बोट के माध्यम से संगम पहुंचेंगे। सभी मंत्री त्रिवेणी संगम पर विधिवत पूजन करेंगे और इसके बाद आस्था की डुबकी लगाएंगे।

योगी सरकार की परंपरा
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मंत्रिमंडल के साथ संगम स्नान किया हो। 2019 के कुंभ मेले में भी उन्होंने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और साधु-संतों के साथ स्नान किया था। इस बार भी यह आयोजन सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
इस बैठक में मुख्यमंत्री समेत योगी सरकार के सभी 54 मंत्री उपस्थित रहेंगे। इसमें कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्रदेव सिंह, बेबी रानी मौर्य, जयवीर सिंह, और लक्ष्मी नारायण चौधरी सहित अन्य प्रमुख मंत्री शामिल होंगे। बैठक के दौरान प्रदेश को विकास की दिशा में ले जाने वाले कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा और निर्णय लिया जाएगा।
संगम में आस्था और प्रशासन का मेल
यह आयोजन न केवल योगी सरकार की आस्था का प्रतीक है, बल्कि प्रशासन और धर्म के बीच सामंजस्य का एक उदाहरण भी है। संगम में स्नान के माध्यम से सरकार प्रदेशवासियों को यह संदेश देना चाहती है कि परंपराओं और धार्मिक आयोजनों का सम्मान किया जाना चाहिए।

महत्वपूर्ण निर्णयों की उम्मीद
कैबिनेट बैठक के दौरान कई विकास योजनाओं, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। यह आयोजन प्रयागराज कुंभ की महत्ता को और अधिक बढ़ाने वाला साबित होगा।
महाकुंभ के अवसर पर योगी सरकार की यह पहल एक ऐतिहासिक घटना है। यह न केवल धार्मिक महत्व को बढ़ावा देती है, बल्कि प्रदेश के विकास और सांस्कृतिक मूल्यों को प्राथमिकता देने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।