सिहावल विधानसभा की राजनीति इस समय गरमाई हुई है। यहां बहस अब विकास और जनहित के मुद्दों से भटककर सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप तक जा पहुंची है। ताज़ा विवाद कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल तथा विधायक विश्वामित्र पाठक के बीच देखने को मिल रहा है।
अफवाहों से छवि धूमिल करने की कोशिश
कमलेश्वर पटेल ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए जैनेन्द्र पाठक नामक व्यक्ति को विधायक विश्वामित्र पाठक का “करीबी और भतीजा” बताकर निशाना साधा। उनका मकसद साफ़ था—जनता के बीच भ्रम फैलाना और विधायक की छवि को धूमिल करना।
मगर, विधायक विश्वामित्र पाठक ने इस दावे को तुरंत खारिज करते हुए पलटवार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जैनेन्द्र पाठक भले ही रिश्ते में भतीजा हो, लेकिन पिछले 10-15 वर्षों से उसका उनके परिवार या राजनीतिक जीवन से कोई संबंध नहीं है।
विधायक का सख्त रुख
विधायक विश्वामित्र पाठक ने कहा—
“जैनेन्द्र पाठक का मेरे परिवार से कोई लेना-देना नहीं है। न वह हमारे सुख-दुख में शामिल होता है, न राजनीति में। उसकी गतिविधियों से मेरा कोई वास्ता नहीं है। विपक्ष जब जनता से जुड़े मुद्दों पर जवाब नहीं दे पाता, तो झूठ और अफवाहों का सहारा लेता है।”

विपक्ष की रणनीति पर उठे सवाल
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कमलेश्वर पटेल का यह कदम उनकी राजनीतिक हताशा को दर्शाता है। जनता से जुड़े मुद्दों पर ठोस बहस की बजाय निजी रिश्तों और सरनेम पर राजनीति करना यह दिखाता है कि विपक्ष के पास अब कोई ठोस आधार नहीं बचा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रणनीति न सिर्फ कमलेश्वर पटेल की साख को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि यह जनता के भरोसे को भी तोड़ रही है।
जनता का भरोसा विधायक पर
सिहावल की जनता जानती है कि विश्वामित्र पाठक ने हमेशा विकास और सेवा की राजनीति को प्राथमिकता दी है। सड़क, शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर उनका काम दिखाई देता है। यही कारण है कि जनता उनके नेतृत्व पर भरोसा जताती है और अफवाहों को नकारती है।


विकास बनाम अफवाह की राजनीति
विधायक का साफ़ कहना है कि वह अफवाहों से डरने वाले नहीं हैं। उनका ध्यान सिर्फ जनता की सेवा और क्षेत्र के विकास पर है।
“मेरे लिए राजनीति सेवा का नाम है। जनता की समस्याओं का समाधान ही मेरा लक्ष्य है। विपक्ष चाहे जितनी अफवाह फैलाए, सच्चाई और काम की राजनीति हमेशा मजबूत रहेगी।”
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सिहावल की राजनीति इस समय विकास बनाम अफवाह के बीच खड़ी है। एक ओर विधायक विश्वामित्र पाठक जनता के बीच काम और सेवा की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं, तो दूसरी ओर विपक्ष झूठ और निजी रिश्तों के सहारे सियासत करने की कोशिश में है। जनता अब साफ़-साफ़ देख रही है कि असली राजनीति कौन कर रहा है और भ्रम फैलाने का खेल कौन खेल रहा है