MP Assembly Winter Session Second Day: मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार साबित हुआ। कांग्रेस विधायकों ने मोहन सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक हाथ में कटोरा लेकर विधानसभा पहुंचे और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
मंगलवार की सुबह जैसे ही मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ, कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार लगातार कर्ज ले रही है, जिससे प्रदेशवासियों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के विधायक कटोरे में पानी लेकर विधानसभा पहुंचे, जो उन्होंने कर्ज के बढ़ते बोझ और प्रदेशवासियों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति का प्रतीक बताया।
कांग्रेस का आरोप: “कर्ज का बोझ बढ़ा रही है सरकार”
कांग्रेस विधायक विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के पास पहुंचकर जोरदार नारेबाजी करने लगे। उनका आरोप था कि मोहन सरकार प्रदेशवासियों को कर्ज के बोझ तले दबा रही है, और लोग कटोरे में भीख मांगने जैसी स्थिति में पहुंच गए हैं। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार की नीतियों के कारण मध्य प्रदेश में आर्थिक संकट गहराया है और आम नागरिकों की हालत बद से बदतर हो रही है।
सप्लीमेंट्री बजट हो सकता है पेश
विधानसभा के इस सत्र में सरकार द्वारा सप्लीमेंट्री बजट पेश किए जाने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस बजट का आकार 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। बजट में राज्य सरकार द्वारा किए गए खर्चों और वित्तीय योजनाओं का लेखा-जोखा पेश किया जाएगा, हालांकि विपक्ष ने इसे राज्य की वित्तीय स्थिति से ध्यान हटाने का प्रयास करार दिया है।
शीतकालीन सत्र की शुरुआत
शीतकालीन सत्र की शुरुआत भी हंगामे से ही हुई। प्रश्नकाल के दौरान केवल दो सवाल ही हो पाए। विधायक सुरेश राज्य और जयवर्धन सिंह ने अपने-अपने क्षेत्रों में हुए कार्यों से संबंधित सवाल उठाए, जिसके बाद प्रश्नकाल समाप्त हो गया।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शून्यकाल में खाद संकट पर चर्चा करने का प्रयास किया, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस दौरान बांग्लादेश का मुद्दा उठाया, जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार खाद संकट जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा ही नहीं करना चाहती है। इसके बाद कांग्रेस ने हंगामा करते हुए विधानसभा से वॉकआउट कर दिया।
विवादित मुद्दे: भूपेंद्र सिंह का बयान
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा में एक विवादित बयान दिया। उन्होंने स्कूल शिक्षा मंत्री से कहा कि सदन में जो जवाब दिए जाएं, उन्हें पहले अधिकारियों से चेक करवा लेना चाहिए, न कि जो अफसरों द्वारा तैयार किया गया हो, उसे बिना किसी जांच के स्वीकार कर लिया जाए। इस टिप्पणी के बाद भूपेंद्र सिंह ने सागर जिले के माल्थोन में एक स्कूल में हुए बच्चों के यौन शोषण के मामले को भी उठाया और कहा कि प्रदेशभर में ऐसी घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के नाम पर प्रदेश में एक बड़ा व्यापार चल रहा है, जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए।
शीतकालीन सत्र की वर्तमान स्थिति
आज के सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखी गई। एक ओर जहां कांग्रेस सरकार पर कर्ज और वित्तीय संकट को लेकर हमलावर है, वहीं सरकार का कहना है कि राज्य की विकास योजनाओं के लिए आर्थिक संसाधनों का प्रयोग किया जा रहा है।
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विधानसभा के इस सत्र में कई और मुद्दों पर बहस हो सकती है, जिसमें राज्य की शिक्षा नीति, स्वास्थ्य सेवाएं और किसानों की स्थिति शामिल हैं। आगामी दिनों में यह देखा जाएगा कि सरकार इन मुद्दों पर क्या कदम उठाती है और विपक्ष की प्रतिक्रिया क्या होती है।
क्या कांग्रेस का हंगामा सरकार को घेरने में सफल होगा? क्या विधानसभा में आगामी दिनों में और भी तीव्र संघर्ष देखने को मिलेगा? यह सवाल इस सत्र के दौरान उठेगा।