नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)।
प्रदेश की राजनीति में सोमवार को एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने सभी को चौंका दिया। नरसिंहपुर नगर पालिका की वार्ड क्रमांक-25 की कांग्रेस पार्षद काजल ने विरोध प्रदर्शन के बीच अचानक अपनी पार्टी बदलते हुए भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। खास बात यह रही कि यह पूरा घटनाक्रम कांग्रेस के जिला कार्यालय के ठीक सामने हुआ, जहां भाजपा कार्यकर्ता विरोध कर रहे थे।
मामला कैसे शुरू हुआ
दरअसल, बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गवासी मां को लेकर विवादित टिप्पणी की गई थी। इस बयान को लेकर भाजपा ने देशभर में उग्र विरोध शुरू कर दिया है। जगह-जगह प्रदर्शन, पुतला दहन और नारेबाजी हो रही है। इसी सिलसिले में सोमवार को नरसिंहपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के जिला कार्यालय का घेराव किया।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। इसी बीच, कांग्रेस पार्षद काजल भी वहां पहुंचीं और स्थिति को शांत कराने का प्रयास करने लगीं।
अचानक हुआ ‘हृदय परिवर्तन’
भाजपा कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान पार्षद काजल ने राहुल गांधी के रवैये को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। चर्चा के बीच उन्होंने अचानक एलान कर दिया कि अब वह कांग्रेस पार्टी के साथ खुद को नहीं जोड़ पातीं। उन्होंने मौके पर ही भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई।
भाजपा जिला अध्यक्ष ने तुरंत उन्हें पार्टी का गमछा पहनाकर सदस्यता दिलाई। इस तरह कांग्रेस पार्षद का हृदय परिवर्तन कांग्रेस कार्यालय के सामने ही हो गया। यह नजारा न सिर्फ स्थानीय राजनीति के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैरान करने वाला रहा।
कांग्रेस को बड़ा झटका
कांग्रेस की महिला पार्षद का इस तरह से पार्टी छोड़ना स्थानीय राजनीति में बड़ा झटका माना जा रहा है। खासकर इसलिए कि यह घटना कांग्रेस कार्यालय के सामने भाजपा के प्रदर्शन के बीच घटी। कांग्रेस समर्थकों के लिए यह डबल झटका रहा – पहले विरोध प्रदर्शन और फिर अपनी ही पार्षद का भाजपा में शामिल होना।

स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नगर पालिका स्तर पर इस कदम से कांग्रेस कमजोर हो सकती है। साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह और भी बढ़ा है।
कांग्रेस का पलटवार
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक सुनील जायसवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी को विपक्ष के कार्यालय का घेराव करना शोभा नहीं देता। भाजपा विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दमनकारी नीतियों के जरिए लोकतंत्र की मूल भावना को आहत कर रही है।
भाजपा का रुख
वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी और कांग्रेस का असली चेहरा अब जनता और कार्यकर्ताओं के सामने खुलकर आ रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस से लोग निराश होकर भाजपा का दामन थाम रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि पार्षद काजल का निर्णय कांग्रेस की अंदरूनी कमजोरियों और जनता से कटाव को उजागर करता है।
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नरसिंहपुर की यह घटना न सिर्फ एक दल-बदल की कहानी है, बल्कि इसने राज्य की राजनीति को भी झकझोर दिया है। कांग्रेस कार्यालय के सामने ही महिला पार्षद का भाजपा में शामिल होना विपक्षी दल के लिए बड़ी राजनीतिक चोट के रूप में देखा जा रहा है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में ऐसे और भी “अनोखे” नजारे देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि वर्तमान में कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी राजनीतिक जंग चरम पर है।