नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दल के एक वरिष्ठ नेता द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन का ऑफर मिला था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।
नितिन गडकरी का बयान
गडकरी ने समारोह में कहा कि विपक्षी दल के एक प्रमुख नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की पेशकश की थी और समर्थन देने का प्रस्ताव दिया था। गडकरी ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा:
“जब मुझे यह ऑफर मिला, तो मैंने तुरंत मना कर दिया। मैंने उस नेता से पूछा कि मुझे आपका समर्थन क्यों चाहिए और आप मुझे क्यों समर्थन देंगे। मैंने स्पष्ट किया कि मेरे लिए देश का प्रधानमंत्री बनना कभी भी प्राथमिकता नहीं रही है।”
गडकरी ने अपनी प्राथमिकताओं और सिद्धांतों के बारे में भी बात की और कहा कि उन्होंने हमेशा सिद्धांतों और दृढ़ विश्वासों पर काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए प्रधानमंत्री पद का सपना देखना और उसे प्राप्त करना कभी भी एक लक्ष्य नहीं रहा।


पार्टी और विपक्ष का दृष्टिकोण
गडकरी ने विपक्षी नेता का नाम उजागर नहीं किया, लेकिन यह उल्लेखनीय है कि उन्होंने अपने विचारधारा और सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बल देते हुए इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
गडकरी का नाम 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान संभावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों के रूप में चर्चा में रहा था। इस साल के प्रारंभ में इंडिया टुडे द्वारा किए गए “मूड ऑफ द नेशन” सर्वे में भी गडकरी को प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे उपयुक्त नेताओं में तीसरे स्थान पर रखा गया था। पहले और दूसरे स्थान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे।
पूर्व में दिए गए बयान
गडकरी ने पहले भी पीएम पद के लिए अपनी दौड़ में शामिल न होने की बात कही थी। मार्च 2019 में, पीएम मोदी के नेतृत्व को लेकर उन्होंने कहा था:
“हम सभी पीएम मोदी के पीछे हैं। मैं उनके दृष्टिकोण को पूरा करने वाला एक और कार्यकर्ता हूं। मेरे प्रधानमंत्री बनने का सवाल ही कहां उठता है?”

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गडकरी की यह टिप्पणी इस बात को और स्पष्ट करती है कि उनका ध्यान प्रधानमंत्री बनने की बजाय अपने सिद्धांतों और कार्यों पर है। यह स्थिति उनके राजनीतिक करियर और दृष्टिकोण को एक नई दिशा देती है।
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