रीवा, 12 सितंबर 2024: भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा के बयान पर पार्टी के ही विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने नाराजगी जताई है। तिवारी ने कहा है कि अगर सांसद को व्यक्तिगत रूप से मुझसे कोई समस्या है, तो उन्हें मुझसे सीधे बात करनी चाहिए, न कि मेरे स्वर्गीय दादा श्रीनिवास तिवारी को निशाना बनाना चाहिए।
रीवा सांसद का बयान:
रविवार को रीवा शहर के सुभाष चौराहे पर एक ओवरब्रिज के उद्घाटन कार्यक्रम में सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा था, “अगर आज शहर की सड़क में एक गड्डा होता है तो अखबार की सुर्खियां बन जाती हैं। लेकिन, कभी यहां की सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हुआ करते थे। तब यहां के नेता श्रीनिवास तिवारी हुआ करते थे। वे यहां सर्वे-सर्वा माने जाते थे। जबकि, वे अपने जीवन में एक गड्डा तक नहीं भरवा पाए। फिर भी उन्हें दइयू (भगवान) कहा जाता था। उनके लिए एक विशेष नारा भी दिया जाता था।”

इस बयान के बाद कांग्रेस ने पहले ही अपनी नाराजगी जता दी थी, और अब भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
विधायक सिद्धार्थ तिवारी, जो कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं, ने सांसद के बयान को “निंदनीय” और “आपत्तिजनक” बताया। उन्होंने कहा, “किसी भी व्यक्ति के दिवंगत हो जाने के बाद उनके बारे में इस तरह की अभद्र टिप्पणी को सही नहीं ठहराया जा सकता। सांसद जनार्दन मिश्रा का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने उनका वक्तव्य सुना और यह पूरी तरह से निंदनीय है।”
तिवारी ने आगे कहा, “मुझे समझ में नहीं आता कि मुझे क्यों टारगेट किया जा रहा है। अगर सांसद को मुझसे कोई नाराजगी है, तो उन्हें सीधे मुझसे बात करनी चाहिए। मेरे दादा ने अपने राजनीतिक जीवन के 75 साल जनता की सेवा में बिताए। रीवा के लोग उनकी सेवाओं की गवाही दे सकते हैं। मैंने पार्टी फोरम में भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है।”

पार्टी और क्षेत्रीय प्रभाव:
सिद्धार्थ तिवारी रीवा के कांग्रेस नेता श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं, जिनकी गिनती आज भी रीवा के सबसे लोकप्रिय नेताओं में की जाती है। श्रीनिवास तिवारी का निधन 19 जनवरी 2018 को हुआ था। सिद्धार्थ ने 18 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके राजनीतिक परिवेश में इस विवाद ने दोनों पार्टियों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है।
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अब देखना होगा कि भाजपा इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देती है और इस विवाद को सुलझाने के लिए कौन से कदम उठाएगी।