मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव एवं लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने बड़े बहुमत से जीता। इसके बाद मध्य प्रदेश के अमरवाड़ा उपचुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की। अब सबकी आंखें प्रदेश में होने वाले उपचुनावों पर टिकी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार उपचुनाव मध्य प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर हो सकता है जिसमें से बुद्ध ने सीहोर जिला की विजयपुर और बिना विधानसभा सीट शामिल है। इन विधानसभा सीटों में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए मध्य प्रदेश के मोहन सरकार की अग्नि परीक्षा शुरू हो चुकी है।
अमरवाड़ा विधानसभा सीट भले भारतीय जनता पार्टी जीत चुकी है अब वहां पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक है पर यह चुनाव जीतना भारतीय जनता पार्टी के लिए कहीं पर भी आसान नहीं रहा। इस चुनाव को जीतने के लिए काफी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ-सा द पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश से कई दिग्गज नेता चुनावी मैदान में सामने थे। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी का समर्थन करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के दिग्गज से दिग्गज नेता चुनावी मैदान में सामने थे। इस कड़े चुनाव के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने जीत तो दायर कर ली। पर यह चुनाव किसी भी तरह से भारतीय जनता पार्टी के लिए आसान नहीं था।
आखिर क्या है विजयपुर विधानसभा का माहौल
कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में गए रामनिवास रावत जिनको मोहन सरकार ने अपना कैबिनेट मंत्री बनाया । वह विजयपुर विधानसभा सीट के विधायक थे पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया यह भी तय है कि पार्टी उन्हें ही इस विधानसभा चुनाव से चुनावी मैदान में उतरेगी। हालांकि इन सीटों पर अभी चुनाव आयोग के द्वारा कोई भी पुष्टि नहीं की गई । पूर्व में हुए उपचुनाव में विजयवाड़ा विधानसभा सीट से हारने के बाद कांग्रेस का अलग कमान अब आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए विजयपुर विधानसभा सीट प्रचार पर जुट गया है। इस विधानसभा सीट में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी का नाम तय है पर कांग्रेस की तरफ से कोई भी प्रत्याशी का नाम नहीं दिया गया है। अब यह देखने का विषय होगा कि कांग्रेस कब तक में अपना प्रत्याशी इस सीट पर उतरेगी।
पार्टी यहां से किसी बड़े नेता को या किसी जमीनी कार्यकर्ताओं को पार्टी यहां से किसी बड़े नेता को या किसी जमीनी कार्यकर्ताओं को मौका देती है यह तो कांग्रेस का आल्हा का मन जाने पर इस संविधान सभा सीट में दो प्रत्याशियों ने अपने नाम की दावेदारी दी है ।
किसके नाम होगी बुधनी विधानसभा सीट
शिवराज सिंह चौहान के सांसद बनने के बाद बुधनी विधानसभा सीट खाली हो चुकी है इस सीट में दो दावेदारों का नाम सामने आ रहा है। इनमें से एक शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिक सिंह चौहान है तो वही दूसरे विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत है। एक तरफ युवा जोश तथा दूसरी तरफ अनुभव । अब भारतीय जनता पार्टी किसके साथ जाती है यह तो वक्त ही बताएगा।
राजनीतिक समीकरण देखा जाए तो इस शीट में हमेशा से किरार समाज महत्वपूर्ण भूमिक निभाता रहा है । शिवराज सिंह चौहान खुद इस समाज से आते हैं। हालांकि कांग्रेस इस विधानसभा सीट से किरार समाज को ही मौका देती आई है। अब देखना होगा कि भारतीय जनता पार्टी जिसको परिवार बाद का आरोप को झेलना पड़ता है बस वहां शिवराज सिंह चौहान अपने बेटे को टिकट देंगे या फिर कोई नया चेहरा सामने लाएंगे। पर यह तो तय है कि भारतीय जनता पार्टी का हो या कांग्रेस का कैंडिडेट हो होगा किरार समाज से ही।
क्या है बिना विधानसभा सीट का राजनीतिक समीकरण
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के कुछ दिन पहले सागर जिले के बिना के कांग्रेस विधायक ने भारतीय जनता पार्टी का दामन पड़कर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था डॉक्टर मोहन यादव की विधायक निर्मल आने को बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई थी निर्मल सागर जिले के आरक्षित बिना सीट से 2023 में विधायक का चुनाव जीत कर आई थी। सागर जिले के अंदर कांग्रेस के कलौतिक विधायक ने भी भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था फिलहाल उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है बीजेपी के पूर्व महेश राय इस सीट की दावेदारी कर रहे हैं अगर महेश राव को बीजेपी पार्टी टिकट देती है तो उनकी मुश्किल है बढ़ती हुई नजर आए सकती है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस सीट पर किसको उतारेग।