राजनीति में विपक्ष सरकार को घेरता है, ये आम बात है। लेकिन जब सत्ताधारी दल का ही सांसद सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए, तब बात सिर्फ सवाल की नहीं, सिस्टम की सच्चाई की होती है।
कुछ ऐसा ही हुआ राज्यसभा के मानसून सत्र में, जब बीजेपी के सांसद भीम सिंह ने अपनी ही सरकार से पटना एयरपोर्ट के “अंतरराष्ट्रीय” नाम पर सीधा सवाल दाग दिया।
नाम में दम या धोखा?
पटना का जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट सालों से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कहलाता है, लेकिन यहां आज तक एक भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान चालू नहीं है।
भीम सिंह ने संसद में खड़े होकर कहा:
“जब पटना एयरपोर्ट से एक भी इंटरनेशनल फ्लाइट ऑपरेट नहीं होती, तो इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्यों कहा जा रहा है? ये तो जनता के साथ छल है!”
इस एक सवाल ने न सिर्फ पटना एयरपोर्ट की हकीकत उघाड़ी, बल्कि उस ‘नाम से विकास’ वाली राजनीति पर भी उंगली उठा दी, जो अक्सर केवल उद्घाटन और फीता काटने तक सीमित रह जाती है।

BDO को भी घेरा – “फाइलों में विकास नहीं उड़ता”
सांसद भीम सिंह ने सीधे ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर्स (BDO) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा:
“गांवों में विकास की योजनाएं सिर्फ फाइलों में उड़ती हैं, ज़मीन पर नहीं। और एयरपोर्ट सिर्फ नाम के इंटरनेशनल हैं, उड़ान वहां भी नहीं भरती।”
यह बयान उस समय आया जब सरकार लगातार एयरपोर्ट अपग्रेड, इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश और स्मार्ट सिटी के नाम पर आंकड़े गिना रही थी।
“1999 से नहीं उड़ी कोई विदेशी फ्लाइट”
गौरतलब है कि पटना एयरपोर्ट से आखिरी इंटरनेशनल फ्लाइट 1999 में काठमांडू के लिए उड़ी थी। इसके बाद आईसी-814 हाइजैक के बाद इंटरनेशनल ऑपरेशन बंद हो गया।
फिर भी, पिछले 25 साल से इस एयरपोर्ट को “अंतरराष्ट्रीय” कहा जा रहा है।
भव्य टर्मिनल लेकिन उड़ान नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2025 में 1,216 करोड़ रुपये की लागत से बने नए टर्मिनल का उद्घाटन किया। इसमें आधुनिक सुविधाएं, मिथिला आर्ट, और एयरब्रिज तक हैं। लेकिन न कोई इंटरनेशनल फ्लाइट है, न लंबा रनवे।
पटना का रनवे महज़ 2,072 मीटर का है, जबकि बड़े विमान को चाहिए कम से कम 3,000 मीटर का रनवे। इस वजह से कोई भी इंटरनेशनल फ्लाइट टेकऑफ नहीं कर सकती।
बिहटा है प्लान-B लेकिन…
सरकार अब पटना से 35 किमी दूर बिहटा में नया एयरपोर्ट बना रही है — 3,700 मीटर रनवे और इंटरनेशनल फ्लाइट्स की सुविधा के साथ।
लेकिन वहां जमीन अधिग्रहण, ग्रामीणों का विरोध और राजनीतिक खींचतान ने विकास की रफ्तार थाम दी है।
बीजेपी सांसद के बयान का असर
भीम सिंह का बयान विपक्ष को भी मौका दे गया। राजद और कांग्रेस ने तुरंत सरकार पर तंज कसते हुए कहा:
“जब अपने ही सवाल उठाने लगे तो समझो ज़मीन पर हकीकत कुछ और है।”
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उड़ान सिर्फ नाम की है
पटना एयरपोर्ट का नाम भले ही इंटरनेशनल हो, लेकिन सच्चाई ये है कि वहां कोई विदेशी उड़ान नहीं है। और अब बीजेपी के ही सांसद ने इस छलावे को संसद में उजागर कर दिया है।
सवाल यही है:
क्या विकास का नाम बदल देने से ज़मीनी बदलाव भी हो जाता है?
या फिर यह भी उस ‘स्मार्ट इंडिया’ की कहानी है जो सिर्फ़ रिपोर्ट कार्ड में स्मार्ट दिखती है?