HomeराजनितिBJP का हिंदी भाषी राज्यों में प्रदर्शन: आंकड़ों की पड़ताल

BJP का हिंदी भाषी राज्यों में प्रदर्शन: आंकड़ों की पड़ताल

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंदी भाषी राज्यों में अपनी स्थिति को बनाए रखने और सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। हालांकि, हाल के चुनावों में कुछ राज्यों में उसके प्रदर्शन में गिरावट आई है। आइए, इस विषय पर गहराई से नज़र डालते हैं।

BJP:- हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा का परिदृश्य

भाजपा वर्तमान में हिंदी भाषी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में सत्ता में है। इन राज्यों में से, मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ भाजपा ने अपने प्रदर्शन को मजबूती से बनाए रखा है, जबकि अन्य राज्यों में गिरावट देखी गई है।

  1. दिल्ली:
  • भाजपा 1998 से दिल्ली में सत्ता से बाहर है, लेकिन हाल के तीन लोकसभा चुनावों में सभी 7 सीटें जीत चुकी है। बावजूद इसके, विधानसभा चुनावों में पार्टी दहाई अंकों में सीटें नहीं जीत पा रही है।
  1. छत्तीसगढ़:
  • 2014 में भाजपा को 11 लोकसभा सीटें मिलीं, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी सत्ता से बाहर हो गई। 2023 में भाजपा ने 54 सीटें जीतीं।
  1. राजस्थान:
  • 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 73 सीटें मिलीं, लेकिन 2023 में यह संख्या बढ़कर 115 हो गई। हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को केवल 14 सीटें मिलीं।
  1. मध्य प्रदेश:
  • मध्य प्रदेश में 2018 में भाजपा ने 109 सीटें जीतीं, जबकि 2023 विधानसभा चुनाव में यह संख्या बढ़कर 163 हो गई। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 29 सीटें जीतीं।
  1. झारखंड:
  • झारखंड में भाजपा का प्रदर्शन गिरा है। 2014 और 2019 में 12 सीटों पर जीत मिली, लेकिन 2024 में यह संख्या 8 रह गई।
  1. हिमाचल प्रदेश:
  • भाजपा ने हाल के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव में केवल 25 सीटें ही जीती, जिससे सत्ता से बाहर हो गई।
  1. उत्तराखंड:
  • विधानसभा चुनावों में भाजपा की सीटें कम हुई हैं, 2017 में 56 सीटें जीतने के बाद 2022 में यह संख्या 47 हो गई।
  1. बिहार:
  • 2020 में भाजपा ने 74 सीटें जीतीं, लेकिन लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन में गिरावट आई। 2014 में 22 सीटें जीतने के बाद 2024 में यह संख्या 12 रह गई।
  1. उत्तर प्रदेश:
  • 2017 में भाजपा ने 312 सीटें जीतीं, लेकिन 2022 में यह संख्या गिरकर 255 पर आ गई। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को 33 सीटें ही मिलीं।

निष्कर्ष

भाजपा हिंदी भाषी राज्यों में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए प्रयासरत है, लेकिन कुछ राज्यों में प्रदर्शन में गिरावट ने पार्टी के सामने चुनौतियां प्रस्तुत की हैं। मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ भाजपा ने मजबूती से अपनी स्थिति बनाई है, जबकि अन्य राज्यों में उसे चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, आगामी चुनावों में भाजपा को अपनी रणनीतियों में बदलाव लाने की आवश्यकता होगी।

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भाजपा के पास अभी भी कई राज्यों में सत्ता बनाए रखने की क्षमता है, लेकिन इसके लिए उसे स्थानीय मुद्दों और जनाकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील रहना होगा।

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