Venus Orbiter Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्र और चंद्रयान-4 मिशन की रूपरेखा तैयार कर ली है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। आइए जानते हैं इस 112 दिन की यात्रा में क्या-क्या होगा।
ISRO:- शुक्र मिशन की विशेषताएँ
लॉन्च की तिथि और योजना:
- लॉन्च की तारीख: ISRO का शुक्र मिशन पृथ्वी की कक्षा से 29 मार्च 2028 को लॉन्च होगा।
- लंबाई: यह लगभग 112 दिन में शुक्र की कक्षा में पहुंचेगा, जो 19 जुलाई 2028 को निर्धारित है।
कक्षा में प्रवेश:
- अंतरिक्ष यान को शुक्र की 500 गुणा 60 हजार किमी की अंडाकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
- इसके बाद, लगभग 6 से 8 महीने का एयरोब्रेकिंग चरण होगा, जिसमें अंतरिक्ष यान को 200 किमी गुणा 600 किमी की कक्षा में पहुंचाया जाएगा।
- इस कक्षा में अंतरिक्ष यान 90 डिग्री के कोण पर झुका रहेगा, जिससे शुक्र के परिवेश और सतह का 5 वर्ष तक अध्ययन किया जा सकेगा।

पे-लोड और सहयोग
वैज्ञानिक उपकरण:
- इस मिशन के तहत 19 पे-लोड (वैज्ञानिक उपकरण) भेजे जाएंगे, जिनमें से 16 पूर्ण स्वदेशी होंगे।
- एक पे-लोड भारत और स्वीडन की साझेदारी में, एक भारत और जर्मनी की साझेदारी में, और एक रूस द्वारा तैयार किया जाएगा।

चंद्रयान-4 मिशन की विशेषताएँ
मॉड्यूल्स:
- चंद्रयान-4 मिशन में कुल 5 मॉड्यूल होंगे:
- एसेंडर मॉड्यूल (AM)
- डिसेंडर मॉड्यूल (DM)
- री-एंट्री मॉड्यूल (RM)
- ट्रांसफर मॉड्यूल (TM)
- प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM)
लॉन्च प्रक्रिया:
- इन मॉड्यूल्स को दो हिस्सों में बांटकर लॉन्च किया जाएगा।
- दोनों हिस्से पृथ्वी की कक्षा में जुड़कर एक साथ चंद्रमा की ओर रवाना होंगे।
लागत
- चंद्रयान-4 मिशन की लागत 2104.06 करोड़ रुपए होगी, जबकि शुक्र मिशन की लागत 1236 करोड़ रुपए है।
ISRO का यह मिशन न केवल भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान की उपलब्धियों को बढ़ाएगा, बल्कि विश्व स्तर पर भी एक नई पहचान बनाएगा। भारत का शुक्र मिशन और चंद्रयान-4 के साथ, यह अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।
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