सीधी जिले के जनपद पंचायत सिहावल क्षेत्र अंतर्गत स्थित विपणन केंद्र अमिलिया में यूरिया खाद के कीमतों में मनमानी वसूली का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीते दिनों, इस संदर्भ में खबर का प्रकाशन हुआ था जिसमें यह दावा किया गया था कि केंद्र पर किसानों से यूरिया खाद के रेट से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं।
इस मामले पर सिहावल तहसीलदार साक्षी गौतम से जानकारी ली गई थी, जिन्होंने जांच का आश्वासन दिया था। बावजूद इसके, स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, विपणन केंद्र पर प्रति बोरी यूरिया खाद 270 रुपए की वसूली की जा रही है, जबकि सरकारी रेट 266 रुपए है।
किसानों का कहना है कि यह वसूली पूरी तरह से मनमानी है। पल्लेदारों को भी प्रति बोरी ₹5 का अतिरिक्त भुगतान किया जा रहा है, जिससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या इसमें जिम्मेदार अधिकारियों की भी मिलीभगत है?
एक अनुमान के अनुसार, यदि प्रतिदिन 500 बोरी यूरिया खाद की खपत हो रही है, तो महीने भर में इस अतिरिक्त वसूली से काफी बड़ी राशि इकट्ठी हो सकती है। हालांकि, इस मुद्दे पर जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो सीधी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शैलेश पांडे और सिहावल तहसीलदार साक्षी गौतम दोनों ही इस मामले से बचते नजर आए।
जब तहसीलदार साक्षी गौतम से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि वह खुद मौके पर जाकर जांच कर चुकी हैं और किसानों से भी बात की है। उनके अनुसार, कोई भी अनियमितता सामने नहीं आई। लेकिन, किसानों का आरोप है कि उन्हें 270 रुपए प्रति बोरी लिया जा रहा है।
यह स्थिति कई सवालों को जन्म देती है। क्या किसानों की शिकायतें गलत हैं या अधिकारियों की ओर से कोई गड़बड़ी की जा रही है? इस मामले में किसे सच्चा माना जाए, यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि यह सिलसिला कब तक चलता रहेगा और क्या अधिकारियों द्वारा की गई जांच में कोई सुधार होगा। फिलहाल, भ्रष्टाचार का यह मामला पूरी तरह से जांच का विषय बना हुआ है, और आने वाले समय में इस पर क्या कार्यवाही होती है, यह देखने लायक होगा।
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