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अचानक नहीं आता हार्ट अटैक! शरीर पहले से देने लगता है ये संकेत

दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक को लेकर आम लोगों के बीच सबसे बड़ी गलतफहमी यही है कि यह अचानक ही आता है और किसी को भी बिना किसी पूर्व चेतावनी के गिरा देता है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसा नहीं है। हार्ट अटैक अचानक नहीं पड़ता, बल्कि इससे पहले शरीर कई तरह के संकेत देता है। समस्या यह है कि लोग इन संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं और जब तक मामला गंभीर हो जाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसीलिए मेडिकल एक्सपर्ट्स बार-बार लोगों को सजग रहने और शरीर में हो रहे बदलावों को गंभीरता से लेने की सलाह देते हैं।

डॉक्टर्स का कहना है कि हार्ट अटैक का मतलब सिर्फ सीने में तेज दर्द होना या सांस रुकना नहीं है। दरअसल, इसके कई साइलेंट लक्षण होते हैं, जिन्हें पहचानना जरूरी है। सीने में जकड़न, बेचैनी, भारीपन या दबाव महसूस होना इसका शुरुआती लक्षण हो सकता है। यही दर्द गर्दन, जबड़े, पीठ या हाथों तक भी फैल सकता है। इसके अलावा, व्यक्ति को अचानक ठंडा पसीना आ सकता है, चक्कर आने लग सकते हैं और दिल की धड़कन तेज हो सकती है। सांस लेने में परेशानी और लगातार थकान भी गंभीर चेतावनी है। कई बार हार्ट अटैक के मरीज अपच, पेट में भारीपन या उल्टी जैसे गैस्ट्रिक लक्षणों की शिकायत करते हैं। इसे सामान्य समझकर लोग अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यही गलती जानलेवा साबित हो सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इन लक्षणों की अनदेखी करना किसी भी व्यक्ति के लिए जोखिम भरा हो सकता है। खासकर वे लोग जिन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उन्हें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले लोगों को भी हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं असंतुलित खानपान, फास्ट फूड, तैलीय भोजन, तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी भी इसकी बड़ी वजह बनती है। धीरे-धीरे धमनियों में ब्लॉकेज बनने लगते हैं और अचानक हार्ट अटैक हो सकता है।

दिल्ली एम्स के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजेश सिंह का कहना है कि हार्ट अटैक अचानक नहीं आता। मरीज को पहले कई महीनों तक संकेत मिलते रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति बिना वजह ज्यादा थकान महसूस कर रहा है, बार-बार चक्कर खा रहा है, सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहा है या पेट से जुड़ी दिक्कतें लगातार बनी हुई हैं, तो यह दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे लोगों को तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए और इसी से बड़ी दुर्घटना को रोका जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समय-समय पर फिटनेस और हेल्दी लाइफस्टाइल पर जोर देते रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि फिटनेस ही सबसे बड़ी दवा है। अगर लोग अपनी दिनचर्या में व्यायाम, योग, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद को शामिल करें तो हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग तनाव को सामान्य मानकर चलते हैं, लेकिन यही तनाव धीरे-धीरे दिल पर दबाव बनाता है। अगर लोग तनाव को मैनेज करना सीख लें तो यह भी एक बड़ी सुरक्षा हो सकती है।

भारत में हर साल लाखों लोग हार्ट अटैक की वजह से जान गंवा देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े भी बताते हैं कि हृदय रोग दुनिया में मौत का सबसे बड़ा कारण हैं। ऐसे में जरूरत है कि लोग हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से लें और समय रहते उपचार कराएं। विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता और समय पर जांच ही दिल की बीमारियों से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।

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निष्कर्ष यही है कि हार्ट अटैक अचानक नहीं आता। शरीर पहले से चेतावनी देने लगता है। बस जरूरत है कि हम उन संकेतों को पहचानें और लापरवाही न करें। अगर सीने में बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ, लगातार थकान, अपच, चक्कर या पसीना आने जैसी शिकायतें बार-बार हो रही हैं तो इन्हें अनदेखा करने की बजाय तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। छोटी-सी सावधानी आपकी जान बचा सकती है।

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