नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार, 31 मार्च को एक महत्वपूर्ण अलर्ट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि इस साल अप्रैल से जून के बीच देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। साथ ही, कई क्षेत्रों में लू (गर्म हवाएं) चलने की भी आशंका जताई गई है। हालांकि, पश्चिमी और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य रह सकता है।
किन राज्यों में लू की संभावना ज्यादा?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के उत्तरी हिस्सों में इस बार सामान्य से अधिक गर्म हवाएं चल सकती हैं।
महापात्र ने कहा, “इन क्षेत्रों में हॉटवेव (लू) आमतौर पर चार से सात दिनों तक रहती हैं, लेकिन इस साल ओडिशा, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह अवधि 10-11 दिनों तक भी बढ़ सकती है।”

विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों और महाराष्ट्र व गुजरात के विदर्भ क्षेत्र में गर्म हवाएं चलना आम बात है। लेकिन इस बार ये हवाएं लंबे समय तक जारी रह सकती हैं, जिससे लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत होगी।
बारिश और तूफान की संभावना
IMD के अनुसार, 10 अप्रैल से महीने के अंत तक पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा, केरल और दक्षिण कर्नाटक में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। इन क्षेत्रों में बिजली गिरने और तूफान आने का भी खतरा रहेगा।

महापात्र ने स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल मानसून के दौरान ‘अल नीनो’ की स्थिति नहीं बनेगी, क्योंकि प्रशांत महासागर में ‘ला नीना’ प्रभाव सक्रिय है।
क्या है ‘ला नीना’ और ‘अल नीनो’?
‘ला नीना’ एक मौसम प्रणाली है, जो ‘अल नीनो’ के विपरीत होती है। ‘अल नीनो’ के दौरान समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक गर्म हो जाता है, जबकि ‘ला नीना’ की स्थिति में मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है। इस साल ‘ला नीना’ के प्रभाव के कारण मानसून में ‘अल नीनो’ जैसी समस्याएं नहीं आएंगी।
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IMD की इस भविष्यवाणी को देखते हुए लोगों को गर्मी से बचाव के लिए सतर्क रहने और प्रशासन को भी संभावित आपदाओं से निपटने की तैयारी करने की आवश्यकता है।