रीवा। मौसम बदलते ही बीमारियों का असर लोगों पर तेजी से दिखने लगा है। रीवा संभाग के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में रोजाना मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, हर दिन 100 से ज्यादा मलेरिया और टायफाइड के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं अगर अन्य मौसमी बीमारियों – जैसे वायरल फीवर, सर्दी-खांसी और डायरिया – को शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या करीब 1000 के आसपास पहुंच रही है।
मरीजों की संख्या में तीन गुना बढ़ोतरी
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि पिछले 15 से 20 दिनों में मरीजों की संख्या तीन गुना तक बढ़ गई है। बच्चों के वार्ड से लेकर गायनी और सामान्य वार्ड तक सभी जगह बेड पूरी तरह से भरे हुए हैं। इससे गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए बेड की उपलब्धता चुनौती बन गई है।
अस्पताल प्रबंधन ने उठाए कदम
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने बताया कि बढ़ती भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही मरीजों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। डॉ. मिश्रा का अनुमान है कि सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत तक मौसम स्थिर होने पर बीमारियों का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो जाएगा।

संक्रमण रोकने के लिए जरूरी सावधानियां
डॉ. मिश्रा ने लोगों से अपील की कि वे बीमारी से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां बरतें।
- मच्छरदानी का उपयोग करें और आसपास मच्छरों के प्रजनन स्थल न बनने दें।
- साफ और उबला हुआ पानी पिएं, ताकि टायफाइड और अन्य जलजनित रोगों से बचा जा सके।
- स्वच्छता बनाए रखें और कचरा इधर-उधर न फेंकें।
- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का इस्तेमाल करें।
- और सबसे जरूरी, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में इलाज कराएं, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।
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रीवा और आसपास के जिलों में बढ़ती बीमारियों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते लोग सावधान न हुए तो यह प्रकोप और भी बड़ा रूप ले सकता है।
यह स्थिति बताती है कि मौसमी बदलाव के दौरान सतर्कता और सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।