नई दिल्ली। जिस बीमारी को कभी बुजुर्गों तक सीमित माना जाता था, वही अब युवाओं के लिए भी खतरे की घंटी बन चुकी है। हाल ही में आई मेडिकल रिपोर्ट्स ने चेतावनी दी है कि कोलन कैंसर अब सिर्फ 40 या 50 साल की उम्र वालों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि 20–30 साल के युवाओं में भी तेजी से फैल रहा है। बदलती जीवनशैली, जंक फूड की आदत, शराब-सिगरेट का सेवन और शारीरिक सक्रियता की कमी इसके प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही रफ्तार रही तो आने वाले वर्षों में यह बीमारी युवाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का बड़ा कारण बन सकती है।
क्या है कोलन कैंसर?
कोलन कैंसर आंत (colon) और मलाशय (rectum) में होने वाला एक प्रकार का कैंसर है। यह पाचन तंत्र के अंतिम हिस्से को प्रभावित करता है। शुरुआत में यह छोटे-छोटे पॉलिप्स के रूप में दिखाई देता है, जिन्हें अगर समय रहते पहचान लिया जाए तो आसानी से हटाया जा सकता है। लेकिन अनदेखी करने पर ये पॉलिप्स कैंसर में बदल जाते हैं। समस्या यह है कि शुरुआती दौर में इसके लक्षण बहुत सामान्य होते हैं, जैसे कब्ज, पेट फूलना या खून आना, जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं।
क्यों बढ़ रहा है युवाओं में खतरा?
- फास्ट फूड और प्रोसेस्ड मीट की आदतें – बर्गर, पिज्जा, बेकन, सॉसेज और हॉट डॉग जैसे फूड्स आंतों की परत को नुकसान पहुंचाते हैं।
- बैठे-बैठे रहना (Sedentary Lifestyle) – घंटों स्क्रीन के सामने बैठने से मेटाबॉलिज्म धीमा होता है और पाचन तंत्र कमजोर होता है।
- शराब और स्मोकिंग – शराब आंतों की कोशिकाओं को कमजोर करती है और स्मोकिंग शरीर में जहरीले तत्व छोड़ती है, जिससे कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
- तनाव और नींद की कमी – लगातार स्ट्रेस और कम नींद से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जो कैंसर जैसी बीमारियों को बढ़ावा देता है।

बचाव के आसान उपाय
विशेषज्ञ मानते हैं कि जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
1. रेड और प्रोसेस्ड मीट से दूरी
WHO ने प्रोसेस्ड मीट को कैंसर का बड़ा कारण बताया है। तली-भुनी और जली हुई मीट से बचें। अगर खाना भी हो तो सीमित मात्रा में लें।
2. शराब और धूम्रपान से परहेज
दोनों ही आंतों को सीधा नुकसान पहुंचाते हैं। स्मोकिंग पूरी तरह छोड़ना और शराब को न के बराबर लेना सबसे बेहतर उपाय है।
3. फाइबर और पौधों से मिलने वाला आहार
फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और दालें आंतों को हेल्दी रखते हैं। फाइबर पाचन को आसान बनाता है और कोलन कैंसर से बचाव करता है।
4. गट हेल्थ का ध्यान रखें
हमारी आंतों में मौजूद गट माइक्रोबायोम (अच्छे बैक्टीरिया) कैंसर से बचाव में अहम भूमिका निभाते हैं। दही, छाछ, अखरोट और हरी पत्तेदार सब्जियां इनके लिए फायदेमंद हैं।
5. नियमित व्यायाम
हर दिन 30–40 मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे वॉकिंग, योग या एक्सरसाइज पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और मोटापे को नियंत्रित करती है।
6. नियमित जांच
अगर परिवार में किसी को पहले से कोलन कैंसर रहा है तो युवाओं को भी समय-समय पर मेडिकल चेकअप और स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।
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कोलन कैंसर अब सिर्फ उम्रदराज लोगों की बीमारी नहीं रहा, बल्कि युवाओं के लिए भी खतरा बन चुका है। अच्छी बात यह है कि जागरूकता और सही जीवनशैली अपनाकर इसे रोका जा सकता है। समय रहते लक्षणों को पहचानना और जांच कराना ही इस बीमारी से बचाव का सबसे कारगर तरीका है।