दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और लंदन के इंपीरियल कॉलेज के शोधकर्ताओं ने ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए एक बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए एक ऐसी दवा तैयार की है, जो मौजूदा दवाओं की तुलना में पांच गुना अधिक प्रभावी होगी। अब मरीजों को दिन में कई बार अलग-अलग दवाएं लेने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि यह एकल गोली उनकी समस्या का समाधान करेगी।
भारत में 30 करोड़ मरीजों को मिलेगा फायदा
भारत में 30 करोड़ से अधिक लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं। यह समस्या केवल भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण एशियाई आबादी के लिए भी प्रमुख स्वास्थ्य चुनौती है। सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल (CCDC) के अनुसार, इस नई दवा से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
शोध के नतीजे और प्रभावशीलता
एम्स और इंपीरियल कॉलेज के शोधार्थियों ने दो साल के अध्ययन के बाद इस दवा को विकसित किया है।
- प्रयोग का दायरा: भारत के चार क्षेत्रों की 35 साइट्स से 1,981 प्रतिभागियों पर दवा का परीक्षण किया गया।
- प्रभावशीलता: अध्ययन के दौरान छह माह तक यह दवा 70% मरीजों के लिए कारगर रही।
- सुरक्षा: केवल 3% मरीजों में दवा का प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला।
प्रमुख आंकड़े:
- अध्ययन में 42% महिलाएं शामिल थीं।
- प्रतिभागियों की औसत आयु 52.1 वर्ष रही।
- दवा को विविध आबादी पर प्रभावी पाया गया।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर अंबुज रॉय का कहना है:
“यह नई दवा न केवल सुविधाजनक है बल्कि सुरक्षित भी है। यह ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”
सार्वजनिक स्वास्थ्य में नई उम्मीद
यह नई दवा उच्च रक्तचाप के कारण होने वाले हृदय रोग और स्ट्रोक जैसे गंभीर परिणामों को रोकने में मदद करेगी। दवा की प्रभावशीलता और सुरक्षा इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बनाती है।
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