रायसेन जिले की सिलवानी तहसील के तिनघरा गांव में हैजा का प्रकोप फैलने से पांच लोगों की मौत हो गई है, जिसमें एक ही परिवार के तीन सदस्य शामिल हैं। इस भयावह स्थिति में अब तक 80 लोग बीमार हो चुके हैं। जैसे ही स्थिति की गंभीरता का पता चला, स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई की और सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) की टीम मौके पर पहुंच गई।
स्वास्थ्य विभाग ने गांव में 57 मरीजों की जांच की, जिसमें से आधा दर्जन को गंभीर हालत के चलते रेफर किया गया है। विभाग ने इस घटना के पीछे उल्टी-दस्त और वायरल फीवर को कारण बताया है, हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि हैजा के कारण ही इतनी बड़ी संख्या में लोग बीमार हुए हैं।

मौसम और दूषित पानी बनी समस्या
गांव में मौसम में उतार-चढ़ाव और दूषित पानी के कारण उल्टी-दस्त के मामले बढ़ रहे हैं। सिलवानी मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित तिनघरा पटपरी गांव में दर्जनों लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। इन्हें सिलवानी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर प्रभावित परिवारों से उनके खान-पान के बारे में चर्चा की और उनके स्वास्थ्य की जांच की। इसके साथ ही, गांव में पेयजल स्रोतों की स्थिति भी जांची गई। बताया जा रहा है कि बोर के पास जमा बारिश के पानी से लोग बीमार हुए हैं, क्योंकि यही पानी पीने के लिए उपयोग में लाया जा रहा था।


गांव में पानी की कमी बनी मुसीबत
गांव में पीने के पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, जिससे कई बीमारियां फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है। इस समय, तिनघरा पटपरी गांव और आसपास के इलाके में सर्दी-जुकाम और वायरल फीवर के मामले भी आम हो गए हैं, लेकिन उल्टी-दस्त का यह मामला बेहद चिंताजनक है।
स्वास्थ्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया
CMHO डॉ. दिनेश खत्री ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही टीम को तुरंत भेजा गया था। कुछ लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत है, जिनका इलाज किया जा रहा है, और गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्थिति गंभीर बनी हुई है और स्वास्थ्य विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि वे साफ पानी का ही उपयोग करें और संदिग्ध लक्षणों पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
