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इनकम टैक्स ऑफिस में दो अफसरों का झगड़ा: मारपीट, FIR और सोशल मीडिया पर आरोपों की जंग

लखनऊ के इनकम टैक्स ऑफिस में दो बड़े अधिकारियों के बीच झगड़ा अब चर्चा का विषय बन चुका है। IRS अधिकारी गौरव गर्ग और जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि बात FIR और अस्पताल तक पहुंच गई। जानिए पूरा मामला, कहां से शुरू हुआ और अब क्या स्थिति है।

कौन हैं ये दोनों अफसर?

गौरव गर्ग 2016 बैच के IRS (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी हैं। वह लखनऊ के हज़रतगंज इनकम टैक्स ऑफिस में तैनात हैं।
वहीं, योगेंद्र कुमार मिश्रा 2014 बैच के IRS अधिकारी हैं, और वर्तमान में उत्तराखंड के काशीपुर में पोस्टेड हैं।

झगड़े की शुरुआत कैसे हुई?

मामले की शुरुआत फरवरी 2025 से हुई। FIR के अनुसार, 13 फरवरी को विभागीय क्रिकेट मैच चल रहा था। इसमें योगेंद्र कुमार मिश्रा ने जोर देकर कहा कि उन्हें टीम का कप्तान बनाया जाए। जब ऐसा नहीं हुआ, तो उन्होंने टीम के सदस्यों को परेशान किया।

29 मई को हुआ बड़ा विवाद

FIR के अनुसार, 29 मई 2025 को योगेंद्र मिश्रा अचानक लखनऊ के इनकम टैक्स ऑफिस पहुंच गए। वहां उन्होंने गौरव गर्ग से बहस शुरू की, फिर गालियां दीं और ट्रांसफर रुकवाने की मांग करने लगे।

आरोप है कि मिश्रा ने गिलास उठाकर पानी फेंका और टूटे कांच से हमला करने की कोशिश की। जब गौरव गर्ग जाने लगे तो मिश्रा ने उनका गला पकड़ लिया और मारपीट की। FIR में कहा गया है कि मिश्रा ने मुक्कों से नाक, कान और होठों पर मारा और कमर पर लात मारी।

गौरव गर्ग को चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्होंने हज़रतगंज थाने में FIR दर्ज कराई। FIR में भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जैसे हत्या की कोशिश और सरकारी काम में बाधा।

योगेंद्र मिश्रा का पक्ष क्या है?

योगेंद्र कुमार मिश्रा ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर अपनी बात रखी है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2022 में जब उन्होंने गौरव गर्ग की जगह ली थी, तो उन्हें पुराने कामकाज में कई गड़बड़ियां मिलीं। इसी कारण से गौरव गर्ग उन्हें दुश्मन मानने लगे।

मिश्रा ने दावा किया कि 2022 के क्रिकेट विवाद को उन्होंने माफ़ी मांगकर सुलझा लिया था। लेकिन बाद में गौरव गर्ग ने एक झूठा वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया और ट्रांसफर करवा दिया।

उनका कहना है कि ट्रांसफर के कारणों को जानने के लिए उन्होंने RTI भी डाली, लेकिन जवाब नहीं मिला। फिर वह जानकारी लेने के लिए लखनऊ ऑफिस आए थे, जहां उन पर हमला हुआ। मिश्रा ने दावा किया कि वीडियो को काट-छांटकर गलत तरीके से सोशल मीडिया पर डाला गया।

अब आगे क्या होगा?

मिश्रा ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ किसी भी तरह की साजिश न रची जाए।

वहीं, गौरव गर्ग की ओर से दर्ज की गई FIR के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। CCTV फुटेज और गवाहों के बयान भी जांच का हिस्सा होंगे।

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सरकारी दफ्तरों में इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जहां अफसरों से ईमानदारी और शांति की उम्मीद होती है, वहीं इस तरह की घटनाएं विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। अब देखना होगा कि जांच में कौन सही निकलता है और कानून किसे दोषी ठहराता है।

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