रीवा (मध्यप्रदेश)। भीषण गर्मी और गिरते भूजल स्तर के बीच जल संरक्षण को लेकर प्रशासन ने जिले में बोरिंग पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन इन आदेशों की ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध बोरिंग धड़ल्ले से जारी है। न तो मशीनें जब्त हो रही हैं, और न ही किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
जवा क्षेत्र में दिनदहाड़े अवैध बोरिंग
ताज़ा मामला जवा तहसील के हरदोली गांव का है, जहां बाजपेई बोरवेल डभौरा द्वारा दिन के उजाले में सड़क किनारे अवैध बोरिंग की गई। जब आसपास के ग्रामीणों ने बोरिंग करने वालों से अनुमति पत्र दिखाने की मांग की, तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। इससे स्पष्ट है कि कलेक्टर द्वारा दिए गए सख्त निर्देशों का कोई असर ज़मीनी स्तर पर नहीं दिख रहा।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
हरदोली का मामला कोई पहला मामला नहीं है। 22 मई की रात, चोरहटा स्थित गुरुकृपा ढाबा, वार्ड क्रमांक 4 नई बस्ती, और वार्ड क्रमांक 9 कैलाशपुरी मोहल्ला में भी अवैध बोरिंग की खबरें सामने आ चुकी हैं। यही नहीं, समान, बिछिया, नौबस्ता, गाहिलवार छतैनी, और जतरी जैसे ग्रामीण इलाकों में भी खुलेआम बोरिंग मशीनें काम करती देखी जा रही हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, ये सब कार्य प्रशासन की जानकारी में होते हुए भी बिना रोक-टोक जारी हैं।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस पूरे मामले पर अधिवक्ता बीके माला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से यह अवैध काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “बोरिंग करने वालों से चंदे या सुविधा शुल्क के नाम पर पैसा वसूला जाता है। यही कारण है कि मशीनें न तो जब्त होती हैं और न ही किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाती है।”

प्रशासन की सफाई और चेतावनी
इस मामले में कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा है कि जिले में बोरिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू है। उन्होंने कहा, “यदि कहीं भी अवैध बोरिंग की शिकायत मिलती है, तो संबंधित मशीन जब्त कर कार्रवाई की जाएगी और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।” हालांकि, अब तक सामने आए कई मामलों में ऐसी सख्ती नज़र नहीं आई है।
जल संकट की आहट
रीवा जिले में जलस्तर पहले ही खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। कई क्षेत्रों में हैंडपंप और कुएं सूख चुके हैं, वहीं पाइपलाइन से भी जल आपूर्ति बाधित हो रही है। ऐसे में अवैध बोरिंग न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा है।
जल संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि भूजल स्तर को संतुलन में रखने के लिए यह ज़रूरी है कि गर्मी के दौरान अंधाधुंध बोरिंग को रोका जाए। लेकिन वर्तमान हालात देखकर यह प्रतीत होता है कि प्रशासन के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
यह भी पढ़ें:- मनगवां पुलिस की बड़ी कामयाबी: तीन कुंटल गांजा जब्त, ₹44 लाख की मादक पदार्थ की बरामदगी से तस्करों में हड़कंप
यदि प्रशासन ने समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की, तो आने वाले समय में जिले को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। सिर्फ निर्देश देना पर्याप्त नहीं है; ज़रूरी है कि उन पर अमल भी सुनिश्चित किया जाए। अवैध बोरिंग करने वालों के खिलाफ सार्वजनिक उदाहरण पेश करने वाली कार्रवाइयों की आवश्यकता है, ताकि अन्य लोग भी इस पर रोक लगाएं।