मऊगंज (MP): मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में एक साल पहले हुई नाबालिग लड़की की आत्महत्या का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। परिवारवालों का आरोप है कि एक साल बीत जाने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला है और आरोपी अब भी खुलेआम घूम रहा है। इसको लेकर आहत परिवार पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय पहुंचा, जहां उन्होंने सख्त कार्रवाई की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के बघैला गांव का है। यहां की एक नाबालिग लड़की ने एक साल पहले आत्महत्या कर ली थी। आरोप है कि उसके ही रिश्तेदार अंजनी साकेत ने पहले उसे मोबाइल फोन पर प्रेमजाल में फंसाया, फिर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया।
लड़की के परिजनों ने बताया कि आरोपी ने लड़की को कई बार बहलाकर शारीरिक संबंध बनाए। जब लड़की गर्भवती हुई और उसने शादी की बात की, तो अंजनी साकेत ने शादी करने से इनकार कर दिया। इस धोखे और सामाजिक दबाव के चलते लड़की ने आत्महत्या जैसा दर्दनाक कदम उठा लिया।
पुलिस पर लीपापोती का आरोप
लड़की के माता-पिता का कहना है कि उन्होंने तत्काल शाहपुर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस ने सिर्फ सामान्य धाराओं में केस दर्ज किया, जिससे आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।
परिजनों ने यह भी कहा कि पीड़िता नाबालिग थी, फिर भी पॉक्सो एक्ट (POCSO) जैसी सख्त धाराएं केस में शामिल नहीं की गईं। इससे उन्हें लगता है कि पुलिस ने मामले को जानबूझकर हल्का किया, जिससे आरोपी को फायदा हो।

न्याय की उम्मीद लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे परिजन
न्याय की तलाश में भटक रहे परिजन अब मऊगंज के नवागत एडिशनल एसपी विक्रम सिंह से मिले। उन्होंने अफसर को पूरा मामला बताया और पुलिस द्वारा की गई लापरवाही की शिकायत की।
एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शाहपुर थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) सहित अन्य कठोर धाराएं जोड़ें। साथ ही उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया कि इस बार सही और निष्पक्ष जांच की जाएगी और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।
परिवार का दर्द: “हमारी बेटी को कब मिलेगा न्याय?”
पीड़ित परिवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
“हमारी बेटी तो अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन हम चाहते हैं कि उसे न्याय मिले। जिस रिश्तेदार पर विश्वास किया, उसी ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी। अगर पुलिस पहले ही सख्ती दिखाती, तो आज हम न्याय पा चुके होते।”
क्या कहती है यह घटना समाज से?
यह मामला सिर्फ एक परिवार की पीड़ा नहीं है, बल्कि समाज और सिस्टम की खामियों को उजागर करता है। जब एक नाबालिग लड़की के साथ धोखा होता है और वह आत्महत्या कर लेती है, तब भी अगर पुलिस कार्रवाई कमजोर हो, तो लोगों का भरोसा टूटता है।
अब जबकि एडिशनल एसपी ने सख्त कदम उठाने का भरोसा दिया है, उम्मीद की जा रही है कि इस बार दोषी को सजा मिलेगी और परिवार को इंसाफ मिलेगा।
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मऊगंज की यह घटना फिर से याद दिलाती है कि न्याय में देर भी अन्याय होता है। एक लड़की, जिसकी जिंदगी उससे छीन ली गई, अब परिवार के संघर्ष और सिस्टम की सजगता पर निर्भर है। समाज की जिम्मेदारी है कि ऐसे मामलों में चुप न रहे, आवाज उठाए और पीड़ितों को न्याय दिलवाने में मदद करे।