रीवा जिले में अवैध खाद कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने शुक्रवार देर रात बड़ी छापेमारी की। इस दौरान 2056 बोरी अवैध खाद जब्त की गई और कई गोदामों को सील कर दिया गया। शुरुआती जांच में खाद से जुड़े कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह कारोबार पूरी तरह अवैध रूप से चलाया जा रहा था।
तीन थाना क्षेत्रों में एक साथ कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, यह छापेमारी सिरमौर, विश्वविद्यालय और चोरहटा थाना क्षेत्रों में एक साथ की गई। सबसे बड़ी जब्ती चोरहटा के अटरिया गांव से हुई, जहां से 600 बोरी खाद जब्त की गई। वहीं, सिरमौर में एक बड़े गोदाम को सील कर दिया गया है, जहां अवैध रूप से भारी मात्रा में खाद रखा गया था। विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में भी कुछ संदिग्ध गतिविधियां पाई गई हैं।
गोदामों को किया गया सील, दस्तावेजों की जांच जारी
छापेमारी के बाद कृषि विभाग और पुलिस अधिकारियों ने संबंधित गोदामों को सील कर दिया है और वहां से मिले दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक तौर पर वहां से कोई वैध बिल, रसीद या लाइसेंस नहीं मिला, जिससे यह साफ हो गया कि उर्वरक का कारोबार बिना अनुमति और अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था।
पहले से गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी से हुआ खुलासा
यह कार्रवाई पहले से गिरफ्तार कुछ अभियुक्तों की पूछताछ के आधार पर की गई है। इन आरोपियों से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आईं, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत छापेमारी की योजना बनाई। अब पूरे जिले में नेटवर्क खंगालने का काम शुरू कर दिया गया है।
जिलेभर में चलेगा अभियान: एएसपी
एडिशनल एसपी आरती सिंह ने बताया कि यह सिर्फ एक शुरुआती कार्रवाई है। आने वाले दिनों में जिलेभर में इस तरह की और छापेमारियां की जाएंगी। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद उन सभी लोगों को पकड़ना है जो इस गोरखधंधे में शामिल हैं। खाद घोटाले की पूरी चेन की जांच की जा रही है – किसने माल मंगवाया, किसने बेचा और किन किसानों तक यह अवैध खाद पहुंचाई गई।”


खाद की कालाबाज़ारी का यह मामला किसानों के हितों से खुला खिलवाड़ है। ऐसे समय में जब किसान खरीफ फसल की तैयारी कर रहे हैं, बाजार में अवैध और महंगी खाद बेचकर उनकी मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा था। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई एक सख्त चेतावनी है, ताकि कोई भी व्यापारी या संस्था किसानों के हक पर डाका न डाल सके।
खाद के नाम पर मुनाफाखोरी, अब होगी गिरफ्तारी
अधिकारियों ने कहा है कि अवैध उर्वरक कारोबार में शामिल सभी लोगों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। इस मामले में कई नाम सामने आए हैं, जिनकी भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है। खाद गोदामों के मालिक, सप्लायर, ट्रांसपोर्टर और डिस्ट्रीब्यूटर – सभी की भूमिका की जांच चल रही है।
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रीवा में सामने आया यह खाद घोटाला न केवल किसानों की मेहनत पर चोट है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। हालांकि, जिस तरह से पुलिस और कृषि विभाग की संयुक्त कार्रवाई सामने आई है, उससे यह उम्मीद जगी है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी और जिले में कृषि संसाधनों की कालाबाज़ारी पर पूरी तरह रोक लगेगी।