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सिंगरौली में मौत बनी बारिश: आकाशीय बिजली गिरने से दो महिलाओं की दर्दनाक मौत, गांवों में मचा कोहराम

मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में बुधवार को अचानक बदले मौसम के साथ रिमझिम बारिश ने दो परिवारों की ज़िंदगी तबाह कर दी। जियावन थाना क्षेत्र के गोड़गांव और सुपेला गांव में आकाशीय बिजली गिरने से दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। एक महिला खेत में काम कर रही थी, तो दूसरी जंगल से लकड़ी बेचकर लौट रही थी। दोपहर बाद हुई इस घटना ने दोनों गांवों में मातम और डर का माहौल पैदा कर दिया है।

पहली घटना: खेत में काम कर रही बुजुर्ग महिला की मौत

जानकारी के अनुसार, पहली घटना गोड़गांव गांव की है। यहां एक बुजुर्ग महिला, जो अपने खेत में हल्की बारिश के दौरान काम कर रही थी, उसी समय तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली उसके ऊपर गिर गई। बिजली गिरने की आवाज़ सुनते ही आस-पास मौजूद ग्रामीण दौड़े लेकिन जब तक वे मौके पर पहुंचते, महिला की मौके पर ही मौत हो चुकी थी

गांव के लोगों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचित किया। जियावन थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को देवसर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टर्स ने उसकी मृत्यु की पुष्टि की।

दूसरी घटना: लकड़ी बेचकर लौट रही महिला की दर्दनाक मौत

इसी दिन, कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित सुपेला गांव में भी इसी तरह की एक और हृदय विदारक घटना घटी। गांव की एक महिला, जो जंगल से लकड़ी बेचकर बाज़ार से घर लौट रही थी, बारिश से बचने की कोशिश में एक पेड़ के नीचे खड़ी हुई थी। लेकिन दुर्भाग्यवश उसी वक्त तेज बिजली गिर गई और वह महिला भी उसकी चपेट में आ गई। महिला की मौके पर ही मौत हो गई और उसके पास रखा सामान भी बुरी तरह जल गया।

गांवों में मचा हड़कंप, परिजन सदमे में

दोनों ही घटनाओं के बाद गांवों में कोहराम मच गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और ग्रामीणों में भय का माहौल है। कई बुजुर्गों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ही दिन में दो अलग-अलग गांवों में बिजली गिरने से मौत हुई हो।

स्थानीय प्रशासन ने शवों का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, सरकारी सहायता के तहत आर्थिक मुआवजे की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।

प्रशासन की अपील: बारिश के दौरान रहें सतर्क

इस हादसे के बाद जियावन थाना पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे बारिश के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े न हों, मोबाइल फोन का उपयोग न करें और खेतों या खुले इलाकों में जाने से बचें। बिजली गिरने की घटनाएं मानसून में आम हैं, लेकिन थोड़ी सतर्कता जान बचा सकती है।

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यह सवाल एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है कि क्या ग्रामीण इलाकों में पर्याप्त मौसम चेतावनी प्रणाली मौजूद है? यदि मौसम विभाग की चेतावनी पहले से दी जाती, तो शायद इन दो मासूम जानों को बचाया जा सकता था। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन गांव-गांव में मौसम सतर्कता अलर्ट देने की व्यवस्था करे।

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