सिंगरौली शहर के बीचोंबीच एक 75 वर्षीय बुज़ुर्ग को दिनदहाड़े घेरकर लूट लिया गया — और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं हुई। घटना इतनी शातिर थी कि न तो आसपास किसी को शक हुआ और न ही बुज़ुर्ग को यह अंदाज़ा रहा कि जिनके साथ वे सफर कर रहे हैं, वही उनका सामान छीनने वाले हैं।
लेकिन पुलिस की सधी हुई कार्रवाई और तकनीक के सहारे, अब इस सस्पेंस से पर्दा उठ चुका है। कोतवाली पुलिस ने लूट के इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
मामला क्या है?
14 जून 2025 की दोपहर। फरियादी रविन्द्रनाथ यादव, उम्र 75 वर्ष, बैढन बस स्टैंड से अपने घर दुधीचुआ लौट रहे थे। उन्होंने एक ऑटो में सवारी ली। ऑटो में तीन युवक पहले से बैठे थे और ड्राइवर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह विध्यनगर होते हुए छोड़ेगा।
लेकिन रास्ते में ऑटो एनसीएल ग्राउंड हर्रई के सुनसान इलाके में मोड़ लिया गया। ड्राइवर ने बहाना बनाया— “थोड़ी देर और रुकिए, और सवारी बैठानी है।” बुज़ुर्ग को कुछ समझ आता, उससे पहले ही ड्राइवर समेत तीनों युवक उन पर टूट पड़े।
मारपीट, गाली-गलौज और डराने की हर हद पार करते हुए आरोपियों ने उनका सैमसंग मोबाइल छीन लिया, कुर्ता फाड़ डाला और जेब खंगालने की कोशिश की।
पुलिस की तकनीकी चालाकी
घटना के बाद फरियादी थाने पहुंचे और तत्काल रिपोर्ट दर्ज कराई। मामला अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ, लेकिन एसपी मनीष खत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपर पुलिस अधीक्षक अभिषेक रंजन और विध्यनगर CSP को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

कोतवाली थाना प्रभारी अशोक सिंह परिहार की टीम ने जब विंध्यनगर रोड पर लगे करीब 40 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। आरोपियों की पहचान हो गई।
गिरफ्तारी और कबूलनामे
जांच में सामने आया कि ऑटो ड्राइवर उपेन्द्र उर्फ गुड्डू यादव, और उसके साथी विशाल सोनी, राजकुमार सोनी व विकास कहार, सभी निवासी बलियरी, वैढ़न—इस वारदात में शामिल थे।
तीनों को हिरासत में लेकर जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया। उनके कब्जे से लूटा गया मोबाइल फोन और घटना में प्रयुक्त ऑटो बरामद कर लिया गया है। चौथा आरोपी अब भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
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क्या बोले अफसर?
थाना प्रभारी अशोक परिहार ने बताया,
“सीसीटीवी फुटेज हमारी सबसे बड़ी मदद बना। हमने तेजी से आरोपियों को ट्रैक कर लिया। बुज़ुर्ग के साथ जो हुआ, वह निंदनीय है, लेकिन अब पीड़ित को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है।”
शहर की सड़कों पर बुज़ुर्गों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। लेकिन साथ ही पुलिस की सक्रियता और तकनीकी समझ यह भी दिखाती है कि अपराधी चाहे जितने शातिर हों, कानून की पकड़ से बचना मुश्किल है।