Homeप्रदेशसीधी-सिंगरौली एनएच-39 पर तबाही: पड़रिया जंगल में मलबा जमा, सड़क ठप –...

सीधी-सिंगरौली एनएच-39 पर तबाही: पड़रिया जंगल में मलबा जमा, सड़क ठप – यात्रियों व व्यापार पर संकट

सीधी (म.प्र.)
मध्यप्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग-39 (एनएच-39) की पोल खोल दी है। पड़रिया के जंगल क्षेत्र में भारी बारिश के कारण जगह-जगह मलबा और पानी भर गया है, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। स्थिति यह हो गई है कि दोपहिया से लेकर भारी वाहन तक सड़क पार नहीं कर पा रहे हैं, जिससे यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।

10 साल से अधूरा निर्माण, लापरवाह तंत्र पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

स्थानीय ग्रामीणों और यात्रियों का आरोप है कि इस मार्ग का निर्माण कार्य बीते 10 वर्षों से अधूरा पड़ा है। निर्माण एजेंसी, ठेकेदार, जनप्रतिनिधि और अधिकारी सभी इस मसले पर वर्षों से आंख मूंदे हुए हैं। हर साल बारिश में इस मार्ग पर भूस्खलन और जलभराव की स्थिति बन जाती है, लेकिन शासन-प्रशासन इस पर कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल पाया।

ग्रामीणों का कहना है कि वे हर साल जान जोखिम में डालकर इसी रास्ते से यात्रा करते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। सांसद और विधायकों की निष्क्रियता को लेकर लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस मार्ग की मरम्मत और स्थायी सुरक्षा दीवारों का निर्माण हुआ होता, तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

पहाड़ी क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा बढ़ा

विशेषज्ञों के अनुसार, पड़रिया का यह क्षेत्र पहाड़ी और वनक्षेत्र से घिरा हुआ है। लगातार बारिश से यहां भूस्खलन की स्थिति गंभीर हो गई है। मिट्टी धंसने और चट्टानों के खिसकने से सड़क का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

यातायात ठप, व्यापार चौपट

एनएच-39 न केवल सीधी-सिंगरौली के लोगों के लिए प्रमुख संपर्क मार्ग है, बल्कि यह क्षेत्र की व्यापारिक जीवन रेखा भी है। सीधी से सिंगरौली, चितरंगी, देवसर और कई औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने वाला यह मार्ग ठप होने से मालवाहन गाड़ियां फंस गईं हैं। इससे न केवल व्यापार पर असर पड़ रहा है, बल्कि दवाइयां, राशन और जरूरी सामान की आपूर्ति भी बाधित हो रही है।

व्यापारियों का कहना है कि अगर यही हाल रहा, तो कुछ ही दिनों में बाजारों में जरूरी वस्तुओं की कमी हो सकती है। स्थानीय दुकानदार और ट्रांसपोर्ट संचालक इस संकट से चिंतित हैं।

जिला प्रशासन बेखबर?

हालात इतने खराब हैं, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ना तो जेसीबी भेजी गई, ना ही मार्ग साफ करने की कोई कवायद दिख रही है। लोगों ने आरोप लगाया कि जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं होता, तब तक अधिकारी जागते ही नहीं।

मांग – तत्काल राहत व स्थायी समाधान

ग्रामीणों, व्यापारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की है कि इस मार्ग पर तुरंत जेसीबी भेजकर रास्ता साफ किया जाए, और दीर्घकालिक समाधान के तहत सुरक्षा दीवार, नाली और मजबूत सड़क निर्माण कराया जाए। साथ ही ठेकेदारों और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए, ताकि हर साल की यह परेशानी खत्म हो सके।

यह भी पढ़ें:- सोन नदी में फंसे 25 से ज्यादा गोवंशों को SDERF और होमगार्ड ने बचाया, जोखिम में डाली अपनी जान

एनएच-39 का बंद होना सिर्फ एक सड़क का अवरोध नहीं, बल्कि पूरे जिले की रफ्तार थमने जैसा है। अब जरूरत है गंभीरता से हालात को देखने की, ताकि भविष्य में यह मार्ग विकास की पहचान बने, परेशानी की नहीं।

RELATED ARTICLES

Most Popular