नई दिल्ली।
भारतीय पायलट महासंघ (Federation of Indian Pilots – FIP) ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों द वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) और Reuters के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह कदम अहमदाबाद प्लेन क्रैश को लेकर प्रकाशित की गई उन रिपोर्टों के विरोध में उठाया गया है, जिनमें मृत पायलट को दुर्घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया था। एफआईपी का कहना है कि यह रिपोर्टिंग न केवल आधारहीन है, बल्कि इससे उन पायलटों की छवि को भी गहरी ठेस पहुंची है जो अब अपना पक्ष रखने के लिए जीवित नहीं हैं।
रिपोर्ट पर आपत्ति, माफी की मांग
FIP ने WSJ और Reuters को कानूनी नोटिस भेजते हुए औपचारिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। FIP का आरोप है कि इन संस्थानों ने जांच पूरी होने से पहले ही अटकलों के आधार पर रिपोर्टिंग की है, जिससे मृत पायलटों की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंची है। महासंघ ने कहा है कि जब जांच अभी जारी है, तब ऐसे समय में किसी पायलट को दोषी ठहराना न केवल अनैतिक और गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह मीडिया की नैतिकता के भी खिलाफ है।
‘पायलट नहीं दे सकते जवाब, परिवारों को ठेस’
एफआईपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस तरह की रिपोर्टिंग न केवल पायलट समुदाय के मनोबल को गिराने वाली है, बल्कि शोक संतप्त परिवारों के लिए भी यह एक अतिरिक्त मानसिक आघात है। महासंघ ने कहा,
“मृतक पायलट अपना पक्ष रखने के लिए मौजूद नहीं हैं। ऐसे में उनकी छवि पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
एफआईपी ने मीडिया संस्थानों से आग्रह किया है कि वे जांच पूरी होने तक संयम बरतें और गैर-पुष्ट सूचनाओं का प्रकाशन न करें।

अमेरिकी एजेंसी ने भी जताई नाराज़गी
इस विवाद में अब अमेरिका की राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) की प्रमुख जेनिफर होमेंडी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने WSJ और Reuters की रिपोर्टिंग को “अटकलों पर आधारित” बताया और कहा कि
“इस तरह की गंभीर घटनाओं पर रिपोर्टिंग करते समय मीडिया को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी सिर्फ प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की गई है और इस तरह की जांचों में समय लगता है। ऐसे में मीडिया को धैर्य और जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए।
AAIB ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज किया
भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने हाल ही में प्लेन क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के टेक-ऑफ के कुछ समय बाद ही फ्यूल स्विच ऑफ हो गया था, जिससे इंजन तक ईंधन नहीं पहुंच पाया। यह भी सामने आया कि कॉकपिट में मौजूद दोनों पायलटों के बीच इस संबंध में भ्रम और संवाद की कमी थी।
रिपोर्ट में एक पायलट द्वारा दूसरे से पूछे गए सवाल का जिक्र है — “आपने इंजन फ्यूल क्यों बंद किया?” और जवाब आया — “मैंने कुछ नहीं किया।”
हालांकि, AAIB ने साफ किया कि जांच अभी जारी है और किसी भी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। एजेंसी ने उन मीडिया रिपोर्टों को भी असत्य बताया है, जिनमें दुर्घटना के लिए सीधे तौर पर पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया था।
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अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद उठे मीडिया विवाद में अब पायलट संगठन भी खुलकर सामने आ गए हैं। FIP द्वारा WSJ और Reuters पर की गई कानूनी कार्रवाई ने पत्रकारिता की जवाबदेही और जांच के प्रति संवेदनशीलता जैसे मुद्दों को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया है। अब देखना होगा कि ये अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान इस नोटिस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, और क्या वे अपनी रिपोर्ट को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हैं।