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रक्षाबंधन पर लाडली बहनों को डबल तोहफा! किस्त पहले, साथ में मिलेगा ‘शगुन’

भोपाल।
मध्य प्रदेश की लाडली बहनों के लिए अगस्त महीना सौगातों की बौछार लेकर आया है। आमतौर पर हर महीने 10 से 15 तारीख के बीच आने वाली लाडली बहना योजना की किस्त, इस बार रक्षाबंधन के त्योहार को देखते हुए पहले ही जारी की जाएगी। यही नहीं, इस बार महिलाओं को किस्त के साथ ‘शगुन’ के 250 रुपये अतिरिक्त भी दिए जाएंगे। यानी 1500 रुपये सीधे खातों में ट्रांसफर किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद विदेश यात्रा (दुबई और स्पेन) से लौटने के बाद इसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा, “लाडली बहनाओं के चेहरे पर रक्षाबंधन से पहले ही मुस्कान होनी चाहिए।”

डबल खुशी की तैयारी में सरकार

अगस्त महीने में आने वाली यह लाडली बहना योजना की 27वीं किस्त होगी। सरकार ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि रक्षाबंधन (9 अगस्त) से पहले यह किस्त जारी कर दी जाएगी, ताकि बहनें त्योहार से पहले अपनी जरूरतें पूरी कर सकें।

हालांकि अब तक आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह राशि 7 या 8 अगस्त को खातों में पहुंच सकती है।

इस बार बहनों को मिल सकते हैं 1500 रुपये, जिसमें नियमित 1250 रुपये की किस्त के साथ 250 रुपये ‘शगुन’ राशि भी शामिल होगी।

12 जुलाई को जारी हुई थी पिछली किस्त

बात करें हालिया किस्त की तो 12 जुलाई को उज्जैन के नलवा गांव में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 26वीं किस्त जारी की थी। उस मौके पर प्रदेश की 1.27 करोड़ महिलाओं को 1250 रुपये प्रति महिला के हिसाब से कुल 1550 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई थी।

कार्यक्रम के दौरान सीएम ने भावुक होकर कहा था:

“हमारी लाडली बहनाएं केवल लाभार्थी नहीं हैं, वे राज्य के भविष्य का आधार हैं।”

दिवाली से बढ़ेगी राशि: 1500 रुपये होंगे हर महीने

इस साल की दिवाली और विधानसभा उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक और बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा है कि:

“दिवाली से लाडली बहना योजना की राशि को बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दिया जाएगा।”

इस फैसले के पीछे दो बातें साफ नजर आती हैं —
एक, महिलाओं को आर्थिक रूप से और सक्षम बनाना,
दूसरी, चुनावी माहौल में महिलाओं को खुश रखना।

राजनीतिक मायने भी गहरे

इस योजना की राजनीतिक अहमियत किसी से छिपी नहीं है। 2023 के विधानसभा चुनावों में लाडली बहना योजना ने बीजेपी को ग्रामीण और महिला वोटरों के बीच जबरदस्त समर्थन दिलाया था।

अब जब मध्यप्रदेश में कुछ सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं और 2026 तक लोकसभा चुनावों की आहट है, सरकार लाडली बहनों को अपने साथ बनाए रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

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त्योहार से पहले खुशियों की डिलीवरी

एक ओर जहां महंगाई और रोजमर्रा की जरूरतें महिलाओं की जेब पर बोझ डाल रही हैं, वहीं सरकार की यह पहल उनके लिए रक्षाबंधन का तोहफा बनकर सामने आ रही है। समय पर किस्त मिलना, उसमें अतिरिक्त राशि का जोड़ और भविष्य में किस्त राशि का बढ़ना — ये सारी घोषणाएं महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत कदम मानी जा रही हैं।

अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि यह पैसा वादे के मुताबिक समय पर ट्रांसफर होता है या नहीं। क्योंकि बात अब सिर्फ रकम की नहीं, सरकार की विश्वसनीयता की भी है।

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