इंदौर
रेल यात्रा के दौरान चोरी की घटनाएं आम होती जा रही हैं, लेकिन इस बार मामला बेहद चौंकाने वाला और भावनात्मक है। इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन से योगनगरी ऋषिकेश जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में बीजेपी नेता देवेंद्र ईनाणी की मां की अस्थियां चुराने की कोशिश हुई। हालांकि सौभाग्यवश, ईनाणी की नींद खुल गई और उन्होंने चोर को रंगे हाथ पकड़ लिया। यह घटना 20 और 21 जुलाई की रात मुरैना और आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के बीच की है, जिसने यात्रियों को झकझोर कर रख दिया।
क्या है पूरा मामला?
बीजेपी नेता देवेंद्र ईनाणी, जो इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक के मीडिया प्रभारी भी हैं, अपनी दिवंगत मां की अस्थियों का विसर्जन करने हरिद्वार जा रहे थे। उनके साथ परिवार के 8 सदस्य और तीन अन्य दिवंगत परिजनों की अस्थियां भी थीं। सभी लोग योगनगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस की एस-2 बोगी में सफर कर रहे थे।
ईनाणी ने बताया कि ट्रेन ने 20 जुलाई को दोपहर में लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन से रवाना हुई थी। रात को सफर के दौरान, मुरैना और आगरा कैंट स्टेशन के बीच, एक बदमाश ट्रेन की एस-4 बोगी से चुपके से अंदर घुस आया। उसने पहले एस-1 कोच में चोरी की, फिर एस-2 बोगी में पहुंचा, जहां बीजेपी नेता और उनका परिवार यात्रा कर रहा था।
अस्थियों की चोरी की कोशिश
ईनाणी ने कहा,
“मैं सो रहा था, तभी चोर ने झोला निकालने की कोशिश की जिसमें मेरी मां की अस्थियां रखी थीं। उसी वक्त मेरी आंख खुल गई और मैंने उसे पकड़ लिया।”
घटना के बाद कोच में शोर मच गया और अन्य यात्री भी जाग गए। यात्रियों ने चोर को घेर लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी। ईनाणी ने बताया कि चोर ने एस-2 बोगी में कुछ सामान वॉशरूम में भी फेंका, जिससे आशंका है कि वह और चोरी कर चुका था।

पकड़ा गया चोर, जीआरपी को सौंपा गया
बदमाश को पकड़कर यात्रियों ने आगरा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ जारी है कि वह अकेला था या किसी गिरोह से जुड़ा हुआ है।
ईनाणी ने कहा,
“अगर मेरी मां की अस्थियां चोरी हो जातीं तो मैं क्या जवाब देता? मेरे लिए यह सिर्फ एक थैला नहीं, मां की अंतिम स्मृति थी।”
उन्होंने बताया कि उनकी मां की अस्थियों के अलावा, परिवार के तीन और दिवंगत परिजनों की अस्थियां भी साथ थीं, जिन्हें विसर्जन के लिए हरिद्वार ले जाया जा रहा था।
मानवता और अपराध के बीच की जंग
इस घटना ने लोगों के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – क्या अब धार्मिक कर्तव्यों को निभाना भी सुरक्षित नहीं रह गया है? ट्रेन में अस्थियों जैसी पवित्र वस्तु की चोरी की कोशिश न सिर्फ एक आपराधिक कृत्य है, बल्कि संवेदनाओं के साथ खिलवाड़ भी है।
रेलवे प्रशासन और जीआरपी को अब अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार करना होगा। बीते कुछ महीनों में ट्रेन में चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन इस बार भावनात्मक स्तर पर यह वार बहुत गहरा है।
मंगलवार को हुआ अस्थि विसर्जन
बीजेपी नेता ने बताया कि वे सोमवार को हरिद्वार पहुंचे और मंगलवार को मां व अन्य परिजनों की अस्थियां गंगा नदी में विधिपूर्वक विसर्जित कीं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उनके जीवन की सबसे भावनात्मक और तनावपूर्ण यात्रा थी, लेकिन ईश्वर की कृपा से मां की स्मृतियों को अपवित्र होने से बचा लिया गया।
यह भी पढ़ें:- सोन नदी में फंसे 25 से ज्यादा गोवंशों को SDERF और होमगार्ड ने बचाया, जोखिम में डाली अपनी जान
यह घटना न केवल ट्रेन में सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे सजगता और हिम्मत से एक बड़ा नुकसान टाला जा सकता है। ऐसे में यात्रियों से भी अपील है कि यात्रा के दौरान सजग रहें और आपसी सहयोग से अपराध को रोका जा सकता है।