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जबलपुर: स्पा सेंटर की आड़ में चल रहा था देह व्यापार, पुलिस ने मारा छापा, 4 युवतियां और संचालक गिरफ्तार

जबलपुर, मध्य प्रदेश।
शहर के एक पॉश इलाके में स्थित ‘द क्वीन स्पा सेंटर’ की आड़ में चल रहे देह व्यापार के नेटवर्क का मदन महल पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने सोमवार को इस स्पा सेंटर पर छापा मारकर 4 युवतियों, एक ग्राहक और संचालक को पकड़ा है। मामले में आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है।

कैसे हुआ खुलासा?

पुलिस को सूचना मिली थी कि ब्लूम चौक स्थित द क्वीन स्पा सेंटर में लंबे समय से स्पा की आड़ में देह व्यापार चल रहा है। इस इनपुट के बाद मदन महल थाने की पुलिस ने योजना बनाकर अपने दो पुलिसकर्मियों को ग्राहक बनाकर सेंटर के भीतर भेजा।

जब वहां देह व्यापार की पुष्टि हुई, तो पूरी टीम ने सेंटर पर दबिश दी और चार युवतियों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया। एक युवक भी एक युवती के साथ संदिग्ध अवस्था में मिला।

कौन-कौन गिरफ्तार?

पुलिस ने मौके से स्पा सेंटर के संचालक शिवांश राजपूत और ग्राहक अली हैदर को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा चारों लड़कियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस का कहना है कि सभी लड़कियां जबलपुर और आसपास के जिलों की रहने वाली हैं, जो पैसे कमाने के लिए शहर आई थीं।

डस्टबिन से मिलीं आपत्तिजनक वस्तुएं

छापेमारी के दौरान पुलिस को स्पा सेंटर के डस्टबिन से कई आपत्तिजनक सामग्री मिली है, जिससे यह साफ हो गया कि सेंटर में लंबे समय से अनैतिक गतिविधियां चल रही थीं।

लड़कियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि संचालक उन्हें 1000 रुपये प्रति ग्राहक के हिसाब से पैसे देता था और उनसे जबरन देह व्यापार करवाया जाता था।

पुलिस ने बताया कि द क्वीन स्पा सेंटर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह से और कौन-कौन लोग जुड़े हैं।

क्या बोले अधिकारी?

मदन महल थाना प्रभारी ने बताया –

“स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार जैसे अपराधों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसी गतिविधियों पर हमारी नजर है, और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।”

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यह मामला बताता है कि किस तरह व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की आड़ में आपराधिक गतिविधियां पनप रही हैं। पुलिस की मुस्तैदी से भले ही एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, लेकिन सवाल यह भी है कि क्या प्रशासन की निगरानी में चूक तो नहीं हो रही? अब ज़रूरत है सख्त निगरानी और नियमित जांच की, ताकि ऐसे धंधों पर लगाम लगाई जा सके।

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