बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (BTR) के धमोखर रेंज से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बाघ के शिकार की पुष्टि हुई है। वन विभाग की त्वरित कार्रवाई में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि दो अन्य की तलाश जारी है।
सूचना पर हरदुल बैगा के घर दबिश
मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर विभागीय टीम ने ग्राम रोहनिया निवासी हरदुल बैगा के घर पर छापा मारा। तलाशी के दौरान टीम को बाघ का जबड़ा, 13 नाखून, एक कैनाइन दांत और तीन अन्य दांत बरामद हुए, जिससे पूरे वन विभाग में हड़कंप मच गया।
यह न केवल वन्यजीव अपराध की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि बांधवगढ़ जैसे संवेदनशील टाइगर रिजर्व में संरक्षण प्रणाली की कमजोरियों की ओर भी इशारा करता है।
पूछताछ में बड़ा खुलासा
क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय के अनुसार, पूछताछ में हरदुल बैगा ने स्वीकार किया कि उसने यह शिकार अन्य चार लोगों के साथ मिलकर किया था। उसकी निशानदेही पर दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
तीनों आरोपियों से संयुक्त पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बाघ का शिकार किस जगह और किन परिस्थितियों में किया गया।

फरार आरोपियों की तलाश तेज
सोमवार सुबह हरदुल बैगा को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की अनुमति दी गई है। वन विभाग की टीमें फरार दो अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। साथ ही, शिकार में प्रयुक्त हथियारों और अन्य सबूतों की तलाश भी जारी है।
कठोर कार्रवाई की तैयारी
क्षेत्रीय उप संचालक पी.के. वर्मा ने बताया कि यह मामला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा:
“बाघ जैसे संरक्षित जीव का शिकार न केवल अपराध है, बल्कि यह हमारे पूरे जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है।”
सवालों के घेरे में संरक्षण व्यवस्था
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारी वन्यजीव सुरक्षा प्रणाली पर्याप्त है? बांधवगढ़ जैसे टाइगर रिजर्व में इस तरह की घटनाएं यह स्पष्ट करती हैं कि मौजूदा तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है।
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बाघों की रक्षा केवल वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की भी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस शर्मनाक घटना से सीख लेते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी, गश्त और स्थानीय लोगों में जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत है, ताकि भविष्य में ऐसा कोई अपराध दोहराया न जाए।