इदौर, मध्यप्रदेश।
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में भानगढ़ स्थित श्रीराम मंदिर की बेशकीमती जमीन पर अवैध रूप से बनीं दुकानों को प्रशासन ने जमींदोज कर दिया। यह कार्रवाई कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर की गई, जिसके तहत करीब 25 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन को कब्जे से मुक्त कराया गया।
गौरतलब है कि प्रदेशभर में सरकारी मंदिरों और धर्मस्व विभाग की संपत्तियों पर हो रहे अवैध कब्जों को हटाने की मुहिम तेज की गई है, और इंदौर इस कार्रवाई में अगली पंक्ति में नजर आ रहा है।
क्या है मामला?
श्रीराम मंदिर के नाम पर भानगढ़ क्षेत्र में सर्वे नंबर 59 की 1.307 हेक्टेयर भूमि राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। यह जमीन शासकीय रूप से मंदिर के नाम पर दर्ज है और इसकी देखरेख की जिम्मेदारी प्रशासन की है। लेकिन कुछ भू-माफियाओं ने इस भूमि पर अवैध तरीके से दुकानें बना ली थीं, और सूत्रों के अनुसार उन्हें बेचने की तैयारी भी की जा रही थी।
कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई
जब यह मामला अधिकारियों तक पहुंचा, तो कलेक्टर आशीष सिंह ने तत्काल प्रभाव से अवैध कब्जा हटाने के निर्देश दिए। उनके आदेश पर एसडीएम प्रदीप सोनी के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने भानगढ़ में कार्रवाई की।
कार्रवाई के दौरान तहसीलदार प्रीति भिसे, रिमूवल दस्ते, और स्थानीय पुलिस बल मौजूद था। मौके पर जेसीबी मशीन की सहायता से सभी अवैध रूप से बनी दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया।
25 करोड़ की संपत्ति बची
प्रशासन के मुताबिक इस जमीन की मौजूदा बाजार कीमत करीब 25 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह न सिर्फ आर्थिक दृष्टिकोण से बड़ी कार्रवाई है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक संपत्ति को बचाने की दिशा में भी अहम कदम माना जा रहा है।

संपत्ति को कब्जे से मुक्त कराने के बाद प्रशासन ने तार फेंसिंग करवा कर पूरे क्षेत्र को सुरक्षित कर दिया। साथ ही यह सुनिश्चित किया गया कि भविष्य में कोई इस पर दोबारा अतिक्रमण न कर सके। जमीन पर अब एक बोर्ड भी लगा दिया गया है, जिसमें लिखा है – ‘श्रीराम शासकीय मंदिर की भूमि’।
बिना विवाद हुई कार्रवाई
आश्चर्यजनक रूप से, इस पूरी कार्रवाई के दौरान कोई भी विरोध या विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जब प्रशासनिक अमला जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचा, तो अवैध निर्माण करने वाले या उससे जुड़े कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया। इससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि कब्जा करने वालों को कार्रवाई की भनक पहले ही लग गई थी और वे भाग निकले।
धार्मिक संपत्तियों को लेकर प्रशासन सख्त
कलेक्टर आशीष सिंह ने पहले भी स्पष्ट किया था कि सरकारी मंदिरों और धर्मस्व विभाग की जमीन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके नेतृत्व में चल रही यह मुहिम पहले भी कई जगहों पर सफलतापूर्वक लागू की गई है।
धर्मस्व संपत्ति संरक्षण की दिशा में इस तरह की कार्रवाई न केवल वर्तमान प्रशासन की सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि धार्मिक स्थलों की संपत्ति पर निजी हितों के लिए कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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इंदौर की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि यदि प्रशासनिक इच्छाशक्ति और पारदर्शिता के साथ निर्णय लिए जाएं, तो धार्मिक और सार्वजनिक हित की संपत्तियों को अवैध कब्जे से बचाया जा सकता है। यह कदम निश्चित रूप से अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल है।