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मध्यप्रदेश में मानसून मेहरबान: जुलाई में 76% बारिश का कोटा पूरा, 54 बड़े बांध लबालब

भोपाल।

मध्यप्रदेश में इस बार मानसून ने जोरदार दस्तक दी है। जुलाई के महीने में हुई अच्छी बारिश के चलते राज्य ने औसतन 76 फीसदी बारिश का कोटा पूरा कर लिया है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन में जहां 19 इंच बारिश होनी चाहिए थी, वहीं अब तक 28.4 इंच बारिश दर्ज की गई है। यानी सामान्य से 9.4 इंच अधिक वर्षा हो चुकी है।

कहीं झमाझम बारिश, कहीं चटक धूप

प्रदेश में मॉनसून दो अलग-अलग रंग दिखा रहा है। एक ओर ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग के कुछ जिलों में रुक-रुक कर झमाझम बारिश हो रही है, वहीं दूसरी ओर भोपाल, इंदौर, उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में धूप और उमस से लोग परेशान हैं।

गुना और शिवपुरी जैसे जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिसके चलते कई गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई है। चित्रकूट में भारी बारिश के कारण मंदाकिनी नदी उफान पर है और खतरे के निशान के पास बह रही है। कुछ निचले इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सबसे अधिक बारिश गुना में

राज्य में इस बार अब तक सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में 45.8 इंच दर्ज की गई है। इसके अलावा मंडला, शिवपुरी, अशोकनगर, छतरपुर और टीकमगढ़ जैसे जिलों में भी 40 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं दूसरी ओर, इंदौर, धार, बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और उज्जैन जैसे जिलों में अपेक्षाकृत कम वर्षा हुई है, जिससे वहां के किसानों को चिंता सताने लगी है।

54 बड़े बांधों में जलभराव

लगातार हो रही बारिश से राज्य के ग्राउंड वाटर लेवल में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही प्रदेश के 54 बड़े बांधों में जलभराव की स्थिति लबालब हो चुकी है। मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा डैम इंदिरा सागर डैम फिलहाल 259.16 मीटर के स्तर तक पहुंच गया है, जो उसकी अधिकतम सीमा से सिर्फ 2.97 मीटर कम है। यह संकेत है कि यदि बारिश का यह क्रम जारी रहा, तो आने वाले दिनों में डैम से पानी छोड़ा भी जा सकता है।

कई जिलों में यलो अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कुछ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर जैसे जिलों में आगामी 48 घंटों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। विभाग ने चेतावनी दी है कि निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

अभी नहीं एक्टिव है स्ट्रॉन्ग सिस्टम

IMD के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश में कोई मजबूत मॉनसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है, इसलिए कुछ क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता में कमी आई है। हालांकि अगले सप्ताह से एक नया सिस्टम एक्टिव होने की संभावना है, जिससे प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में एक बार फिर तेज बारिश देखने को मिल सकती है।

किसानों को मिली राहत, लेकिन इंतज़ार भी बाकी

इस समय की अच्छी बारिश ने धान और सोयाबीन जैसी खरीफ फसलों की बुआई में तेजी ला दी है। खासकर पूर्वी और मध्य जिलों के किसान संतुष्ट दिख रहे हैं। हालांकि, पश्चिमी मध्यप्रदेश के किसान अब भी अच्छी बारिश की उम्मीद में आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।

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मध्यप्रदेश में इस साल का मॉनसून अब तक औसत से बेहतर साबित हुआ है। बारिश के बढ़े हुए आंकड़े, लबालब भरे बांध और उफनती नदियां इसका प्रमाण हैं। हालांकि, कुछ इलाकों में अब भी सामान्य वर्षा का इंतजार है। ऐसे में आने वाले हफ्ते बेहद अहम रहने वाले हैं, जहां एक नया सिस्टम प्रदेश के अधिकांश हिस्सों को तरबतर कर सकता है।

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