लंदन।
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के निर्णायक टेस्ट में टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया है। ओवल के मैदान पर इंग्लैंड को 6 रन से हराकर भारत ने पांच मैचों की सीरीज़ 2-2 से ड्रॉ कर दी है। यह भारत की टेस्ट इतिहास की सबसे कम अंतर से जीत भी बन गई है।
चौथे दिन तक रोमांचक मुकाबला
मैच के चौथे दिन तक इंग्लैंड 374 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 6 विकेट पर 339 रन बना चुका था। आखिरी दिन उसे जीत के लिए सिर्फ 35 रन की ज़रूरत थी, जबकि भारत को 4 विकेट लेने थे। मगर जैसे ही पांचवां दिन शुरू हुआ, सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने इंग्लैंड के बचे हुए विकेट झटपट निकाल लिए और भारत को रोमांचक जीत दिलाई।
भारतीय गेंदबाजों ने किया कमाल
आखिरी घंटे में मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय पेस अटैक किसी से कम नहीं है। सिराज ने खास तौर पर शानदार गेंदबाज़ी की और मैच का पासा पलट दिया।
विवाद भी बना चर्चा का विषय
इस टेस्ट में सिराज का नाम एक विवाद में भी जुड़ा। चौथे दिन इंग्लैंड की दूसरी पारी में सलामी बल्लेबाज बेन डकेट को आउट करने के बाद सिराज ने आक्रामक अंदाज में जश्न मनाया। इस दौरान उनका कंधा डकेट से टकरा गया, और दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।

ICC ने लिया एक्शन
ICC ने इस हरकत को गंभीरता से लिया और मोहम्मद सिराज पर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगाया है। उन्हें ICC कोड ऑफ कंडक्ट के अनुच्छेद 2.5 के उल्लंघन का दोषी पाया गया, जो खिलाड़ियों के आचरण से संबंधित है। हालांकि सिराज ने अपनी गलती स्वीकार की और अतिरिक्त सुनवाई की ज़रूरत नहीं पड़ी।
प्लेइंग इलेवन – भारत
यशस्वी जयसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुबमन गिल (कप्तान), करुण नायर, रवींद्र जड़ेजा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), वाशिंगटन सुंदर, अंशुल कंबोज, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज।
प्लेइंग इलेवन – इंग्लैंड
जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप (कप्तान), जो रूट, हैरी ब्रूक, जैकब बेथेल, जेमी स्मिथ (विकेटकीपर), क्रिस वोक्स, गस एटकिंसन, जेमी ओवरटन, जोश टोंग्यू।
क्या कहता है ये मुकाबला?
यह टेस्ट सिर्फ स्कोर का मामला नहीं था, बल्कि जज़्बे, संयम और रणनीति का संग्राम था। भारत ने जहां आखिरी मौके तक हार नहीं मानी, वहीं इंग्लैंड को अपनी ही धरती पर शिकस्त खानी पड़ी। साथ ही, यह विवाद भी दर्शाता है कि मैदान पर भावनाओं को कैसे संतुलन में रखना चाहिए।
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भारत ने न सिर्फ सीरीज़ को बराबरी पर खत्म किया, बल्कि खेल भावना और संयम के संतुलन की अहमियत भी दर्शाई। आने वाले समय में यह जीत युवाओं के आत्मविश्वास को और मज़बूती देगी।