Homeप्रदेशस्वतंत्रता दिवस से पहले दोहरी चूक, पांच घुसपैठिए गिरफ्तार, सात पुलिसकर्मी निलंबित

स्वतंत्रता दिवस से पहले दोहरी चूक, पांच घुसपैठिए गिरफ्तार, सात पुलिसकर्मी निलंबित

नई दिल्ली।
15 अगस्त से पहले जब पूरे देश की निगाहें दिल्ली के लाल किले की ओर टिकी होती हैं, उसी वक्त सुरक्षा व्यवस्था में दो बड़े झटके सामने आए हैं, जिसने न सिर्फ दिल्ली पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

पहली घटना: पांच बांग्लादेशी नागरिक घुसपैठ की कोशिश में पकड़े गए

4 अगस्त 2025 को लाल किले में अचानक उस वक्त हड़कंप मच गया जब पांच युवक संदिग्ध हालात में किले के भीतर घुसने की कोशिश करते पकड़े गए। पूछताछ में पता चला कि ये सभी युवक बांग्लादेश के नागरिक हैं और दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे थे। उनकी उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच है और वे दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी का काम करते थे।

पुलिस को इनकी गतिविधियों पर संदेह हुआ और तुरंत इन्हें हिरासत में ले लिया गया। प्रारंभिक जांच में इनके पास से बांग्लादेशी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। हालांकि, यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि इनका मकसद सिर्फ जिज्ञासावश किले में घुसना था या इसके पीछे कोई गंभीर मंशा छिपी थी। दिल्ली पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां अब इनसे गहन पूछताछ कर रही हैं।

दूसरी बड़ी चूक: सुरक्षा जांच में डमी बम के साथ घुसी पुलिस की टीम

पहली घटना की स्याही सूखी भी नहीं थी कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खुद एक सुरक्षा ड्रिल की, जिसमें एक सिविल ड्रेस में टीम ने डमी बम से भरा बैग लेकर लाल किले में प्रवेश किया — बिना किसी चेकिंग के!

यह अभ्यास दरअसल सुरक्षा व्यवस्था की जांच के लिए किया गया था, लेकिन जो सामने आया, वह चौंकाने वाला था। सुरक्षा गेट्स पर किसी ने भी उस बैग की जांच नहीं की और टीम आसानी से भीतर पहुंच गई। इससे ये साफ हो गया कि कड़े सुरक्षा इंतज़ामों के बावजूद सिस्टम में गंभीर खामियां मौजूद हैं।

इस लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सात पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक इनमें से कुछ अधिकारी ड्यूटी के दौरान अलर्ट नहीं थे, जबकि कुछ ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।

15 अगस्त की तैयारी और बढ़ती चिंता

हर साल 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं। लाखों लोग टीवी और सोशल मीडिया के ज़रिए इसे देखते हैं। इस दिन की सुरक्षा को लेकर पूरे देश में सबसे ज्यादा सतर्कता बरती जाती है। लाल किले को ‘नो फ्लाई जोन’, ड्रोन रडार, AI आधारित निगरानी कैमरे, और विशेष कमांडो दस्तों से लैस किया जाता है।

लेकिन इस बार की दोहरी सुरक्षा चूक ने इन तैयारियों की भरोसेमंदी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह सिर्फ एक गलती नहीं, एक चेतावनी है

दिल्ली जैसे शहर में, जहां दुनिया की निगाहें 15 अगस्त के दिन लगी होती हैं, इस तरह की लापरवाही न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे का संकेत भी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस तरह की घटनाएं समय रहते नहीं रोकी गईं तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। पुलिस और इंटेलिजेंस को अब और अधिक सजग और सतर्क रहना होगा।

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लाल किला सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता, स्वतंत्रता और सुरक्षा का प्रतीक है। यहां की सुरक्षा व्यवस्था में इस तरह की दोहरी चूक केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चेतावनी है — कि हमें आत्ममुग्धता से बाहर निकलकर, हर खतरे के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा।

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