नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में सोमवार का दिन राजनीतिक टकराव और तीखी बयानबाज़ी से भरा रहा। विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने लोकसभा में नया आयकर बिल 2025 और कराधान कानून (संशोधन) विधेयक पास करा लिए। वहीं, राज्यसभा में भी सरकार ने कई अहम विधेयक पेश किए, जिनमें गोवा विधानसभा एसटी रिजर्वेशन बिल, दो खेल विधेयक और मणिपुर से जुड़े तीन विधेयक शामिल हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटनाक्रम को लोकतांत्रिक परंपराओं के साथ धोखा करार देते हुए कड़ी आपत्ति जताई।
विपक्ष का हंगामा और सरकार की रणनीति
पिछले कई दिनों से विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही थी। सोमवार को भी स्थिति अलग नहीं रही, लेकिन सरकार ने तय योजना के तहत दोनों सदनों में विधायी कार्यवाही को आगे बढ़ाया।
लोकसभा में आयकर से जुड़े दो अहम विधेयक पारित हुए, जबकि राज्यसभा में कुल छह विधेयक पेश किए गए। विधेयकों के पेश होने के दौरान भी विपक्षी सांसद लगातार नारेबाज़ी करते रहे।
खड़गे का तीखा हमला
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा—
“चर्चा के लिए सरकार कह रही है कि यह हाउस ऑर्डर में नहीं है और इसी बीच बिल पारित हो रहे हैं। यह लोकतंत्र के साथ धोखा है। लोकतंत्र की रक्षा होनी चाहिए। चेयर और नेता सदन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह कैसा लोकतंत्र है।”
खड़गे का आरोप है कि सरकार बिना पर्याप्त चर्चा के महत्वपूर्ण विधेयक पारित कर रही है, जो संसदीय परंपराओं और पारदर्शिता के खिलाफ है।
सुबह से गर्म रहा माहौल
सोमवार सुबह विपक्ष ने संसद में वोट चोरी के मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा किया। इसके चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद विपक्षी दलों ने संसद से निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक विरोध मार्च निकाला, जिसका नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने किया।

करीब 250 से अधिक सांसद इस मार्च में शामिल हुए। बिना अनुमति आयोजित इस मार्च को दिल्ली पुलिस ने रोक दिया और सभी सांसदों को हिरासत में ले लिया।
सरकार का पलटवार
विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू ने मीडिया से कहा—
“कांग्रेस और विपक्ष ने संसद का बहुत समय बर्बाद किया है। अब हम देश और संसद का समय और बर्बाद नहीं होने देंगे। सरकार आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों में महत्वपूर्ण विधेयक पारित करेगी।”
रिजिजू ने आगे विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि—
“एक व्यक्ति की मूर्खता और एक परिवार की वजह से देश इतना नुकसान नहीं झेल सकता।”
राज्यसभा में पेश हुए छह विधेयक
लोकसभा में दो बिल पास कराने के बाद सरकार ने राज्यसभा में भी विधायी गतिविधियां तेज़ कर दीं। यहां गोवा विधानसभा में एसटी रिजर्वेशन से जुड़ा बिल, दो खेल विधेयक और मणिपुर के तीन विधेयक पेश किए गए। विपक्षी सांसदों के विरोध के बावजूद इन विधेयकों को पेश करने की प्रक्रिया पूरी की गई।
लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर बहस
इस घटनाक्रम ने संसद के कामकाज और लोकतांत्रिक मानदंडों को लेकर नई बहस छेड़ दी है। जहां विपक्ष इसे लोकतंत्र की अवहेलना बता रहा है, वहीं सरकार का तर्क है कि देश के विकास और प्रशासनिक सुधारों के लिए विधायी कामकाज को बाधित नहीं किया जा सकता।
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सोमवार को संसद में जो हुआ, वह इस मानसून सत्र के सबसे विवादास्पद दिनों में से एक के रूप में याद किया जाएगा। एक ओर सरकार ने अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने में सफलता पाई, तो दूसरी ओर विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर हमला बताया। अब देखने वाली बात होगी कि इन विधेयकों पर आगे संसद और सियासत में क्या हलचल होती है।